जिले में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने और पशुपालकों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए राज्य सरकार की विशेष पहल ‘दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान’ शुक्रवार से शुरू हो गया है। कलेक्टर राघवेंद्र सिंह के निर्देश पर यह अभियान 3 अक्टूबर से 9 अक्टूबर तक चलाया जा
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कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने संबंधित विभागीय अधिकारियों की बैठक में कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य दुग्ध उत्पादन में नई क्रांति लाना है। अभियान के प्रथम चरण में पशुपालकों से जुड़कर न केवल उनकी समस्याओं और आवश्यकताओं की जानकारी ली जाएगी बल्कि उन्हें आधुनिक पशुपालन तकनीकों की जानकारी भी दी जाएगी।
प्रत्येक 15 से 20 पशुपालकों के लिए एक-एक सर्वेयर नियुक्त किया है। ये सर्वेयर दुधारू पशुओं की जानकारी एकत्रित कर उसे भारत पशु धन एप पर दर्ज करेंगे। साथ ही 2 अक्टूबर को आयोजित ग्रामसभा में पशुपालकों की सूची का वाचन और योजनाओं की जानकारी भी दी गई है।
कलेक्टर ने विशेष रूप से निर्देश दिए कि पशुओं में लगे टैग की जांच की जाए और जहां टैग मिसिंग हैं वहां नए टैग लगाए जाएं। साथ ही विभागीय अधिकारी 5-5 गांवों का रैंडम सत्यापन करेंगे ताकि अभियान की पारदर्शिता बनी रहे। अभियान में पशुपालकों से यह भी पूछा जा रहा है कि उन्हें कृत्रिम गर्भाधान के बारे में जानकारी है या नहीं। साथ ही इसके लाभों पर भी चर्चा की जाएगी। कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने बताया कि कृत्रिम गर्भाधान और समय-समय पर टीकाकरण से पशुओं की उत्पादकता बढ़ती है और इससे दूध उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है।
कलेक्टर ने बताया कि पशुपालक इस अभियान से सबसे ज्यादा लाभान्वित होंगे क्योंकि उन्हें वैज्ञानिक पद्धति से पशुपालन, गर्भाधान, टीकाकरण और पशुओं की देखभाल की उपयोगी जानकारी दी जाएगी। इस प्रक्रिया से न केवल पशुपालकों की आमदनी बढ़ेगी बल्कि जिले में दुग्ध उत्पादन में भी नई ऊंचाइयां हासिल की जा सकेंगी।