शरद पूर्णिमा पर यहां बंटती है एक खास खीर… जिसे खाने से दूर होती है कई बीमारियां, बनाने का तरीका भी अनोखा

शरद पूर्णिमा पर यहां बंटती है एक खास खीर… जिसे खाने से दूर होती है कई बीमारियां, बनाने का तरीका भी अनोखा


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Special Kheer With Medicinal Properties: मध्य प्रदेश के खरगोन में हर साल शारदीय नवरात्रि के बाद शरद पूर्णिमा की रात एक खास आयोजन के तहत करौंदिया गांव में हजारों लोगों की भीड़ अमृत रूपी खीर खाने के लिए जमा होती है. ऐसा माना जाता है कि यह खीर औषधीय गुणों से भरपूर होती है और कई बीमारियों को ठीक करती है. चलिए जान लेते हैं इस खीर के बारे में जिसमें मौजूद है औषधीय गुणों का भंडार.

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Special Kheer With Medicinal Properties: मध्य प्रदेश के खरगोन में हर साल शारदीय नवरात्रि के 5 दिन बाद शरद पूर्णिमा की रात एक खास आयोजन होता है, जिसका लोग पूरे साल इंतजार करते है. इस दिन जिले के करौंदिया गांव में हजारों लोगों की भीड़ अमृत रूपी खीर खाने के लिए एकत्रित होती है. लोगों के मुताबिक, यह खीर औषधीय गुणों से भरपूर होती है, जिससे दमा, श्वास और एलर्जी जैसी कई बीमारियों में लाभ मिलता है. बीते 16 वर्षों से यह आयोजन जारी है.

पूरा गांव मिलकर करता है आयोजन
खास बात ये है कि यह आयोजन पूरा गांव मिलकर आयोजित करता है. ग्रामीण सचिन पाटीदार बताते हैं कि तीन महीने पहले से इसकी तैयारी शुरू कर देते हैं. मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के घने जंगलों से 108 प्रकार की जड़ी-बूटियां लाकर इन्हें सुखाया जाता है. जड़ी-बूटियां तोड़ने का समय और तिथि पहले से तय रहते हैं. इन्हें केवल छांव में या रात के अंधेरे में ही सुखाया जाता है ताकि इनकी औषधीय गुण बने रहें. बाद में इन्हें दूध, चावल और घी के साथ मिलाकर खीर तैयार की जाती है.

खीर से पहले 16 जड़ी बूटियों का काढ़ा 
इस साल भी सोमवार 6 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा की रात यह आयोजन होगा. शाम को भजन संध्या होगी. इसके बाद मरीजों को खीर देने से पहले 16 तरह की जड़ी-बूटियों से बना काढ़ा पिलाया जाएगा. इस काढ़े में नीम, तुलसी, लौंग, इलायची और काली मिर्च जैसी औषधियां होती है. ठीक रात 12 बजे जब पूर्णिमा का चांद अपनी सोलह कलाओं के साथ आकाश में चमकता है, तब खीर को चांदनी में रखकर तैयार किया जाकर मरीजों को दो जाएगी.

रात 12 बजे बंटती है खीर 
आयोजन से जुड़े लोगों ने बताया कि रात 12:15 बजे पंजीकृत मरीजों को कतार में बैठाकर कार्यकर्ताओं द्वारा खीर बांटी जाती है. हर साल इस कार्यक्रम में 3 से 4 हजार लोग शामिल होते हैं. खीर बनाने के लिए लगभग 8 से 10 क्विंटल दूध का उपयोग होता है. यह खीर पूरी तरह मुफ्त बांटी जाती है. खीर प्रसादी पाने के लिए पहले से पंजीयन कराया जाता है.

नए गांव में शिफ्ट हुआ आयोजन
गौरतलब है कि, पहले यह कार्यक्रम पथराड़ गांव में आयोजित किया जाता था. भीड़ बढ़ने के कारण बीते साल से इसे करोंदिया रोड पर शिफ्ट किया गया है. यहां खाटू श्याम का एक मंदिर भी निर्माणाधीन है, जहां भविष्य में और बड़े स्तर पर आयोजन किए जाने की योजना है. आयोजन समिति के सदस्यों के मुताबिक, प्रदेश में यह सबसे बड़ा ऐसा कार्यक्रम है, जहां इतनी बड़ी संख्या में लोग केवल औषधीय खीर प्रसादी लेने पहुंचते हैं.

Deepti Sharma

Deepti Sharma, currently working with News18MPCG (Digital), has been creating, curating and publishing impactful stories in Digital Journalism for more than 6 years. Before Joining News18 she has worked with Re…और पढ़ें

Deepti Sharma, currently working with News18MPCG (Digital), has been creating, curating and publishing impactful stories in Digital Journalism for more than 6 years. Before Joining News18 she has worked with Re… और पढ़ें

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शरद पूर्णिमा पर यहां बंटती है एक खास खीर… जिसे खाने से दूर कई बीमारियां



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