इंदौर-दौंड एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 22944) में 2 अक्टूबर को बिना वैध रियायती प्रमाण-पत्र के यात्रा कर रहे 152 छात्रों को रेलवे की जांच टीम ने पकड़ा है। नियमों का उल्लंघन करने पर सभी से कुल 1,17,040 का जुर्माना वसूला गया है।
.
ये छात्र देवास से लोनावला तक यात्रा कर रहे थे और किसी के पास भी वैध छात्र रियायत प्रमाण पत्र नहीं मिला। रतलाम मंडल को गोपनीय सूचना मिली थी, जिसके बाद वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक हिना केवला रामानी के निर्देश पर एक विशेष जांच टीम गठित की गई। बता दें कि पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल ने यात्रियों को विभिन्न श्रेणियों के लिए रियायती टिकट उपलब्ध कराए हैं। छात्रों को रियायती प्रमाण-पत्र के आधार पर किराए में छूट दी जाती है।
टीम ने की सभी कोच की जांच
रतलाम स्टेशन से ट्रेन के प्रस्थान के बाद टीम ने सभी कोचों की जांच की। पूछताछ के दौरान टूर आर्गनाइजर कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका और स्वीकार किया कि टिकट एक एजेंट के माध्यम से बनवाए गए थे। जांच टीम ने उनका बयान दर्ज किया और आगे की कार्रवाई के लिए मामला रेलवे सुरक्षा बल (RPF) व जीआरपी को सौंप दिया।
इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी कार्रवाई
रतलाम मंडल जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीना ने बताया कि
यह रतलाम मंडल के इतिहास में पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में छात्रों को रियायत का दुरुपयोग करते हुए पकड़ा गया और कड़ी कार्रवाई की गई।