छिंदवाड़ा में 10वें बच्चें की मौत: कांग्रेस बोली- जहरीले कफ सिरप पर देशभर में लगे रोक

छिंदवाड़ा में 10वें बच्चें की मौत: कांग्रेस बोली- जहरीले कफ सिरप पर देशभर में लगे रोक


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MP Congress Politics: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में संदिग्ध जहरीले कफ सिरप से अब तक 10 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस मामले ने राज्य की सियासत को गर्मा दिया है.

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मध्‍य प्रदेश कांग्रेस प्रवक्‍ता ने सरकार पर हमला बोला है..

भोपाल. मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में जहरीले कफ सिरप से अब तक 10 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस मामले ने राज्य की सियासत को गर्मा दिया है. कांग्रेस प्रवक्ता और पूर्व मंत्री मुकेश नायक ने मध्‍य प्रदेश सरकार पर सीधा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सिर्फ जहरीले कफ सिरप को मध्यप्रदेश में बैन करना काफी नहीं है, इस पर पूरे देश में रोक लगना चाहिए. नायक ने सरकारी अस्पतालों को “यमदूतों का केंद्र” बताते हुए कहा कि मासूमों की मौतें सरकार की लापरवाही का नतीजा है. उन्‍होंने कहा कि बच्‍चों की मौत दर्दनाक है, इसके लिए ड्रग कंट्रोलर समेत अन्‍य पर मुकदमा चलना चाहिए.

शनिवार को छिंदवाड़ा जिले में संदिग्ध जहरीले कफ सिरप से हुई मौतों का आंकड़ा 10 तक पहुंच गया है. मासूमों की लगातार मौत ने न सिर्फ परिजनों को गहरे सदमे में डाल दिया है, बल्कि राज्य की राजनीति को भी गरमा दिया है. कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर प्रदेश सरकार पर बड़ा हमला बोला है. कांग्रेस प्रवक्ता और पूर्व मंत्री मुकेश नायक ने कहा है कि सिरप पर रोक लगाने से कुछ नहीं होगा, यह जहरीला जहर देशभर के बच्चों तक पहुंच सकता है. इसलिए कांग्रेस की मांग है कि केंद्र सरकार पूरे देश में इस सिरप पर बैन लगाए.”  नायक ने राज्य के सरकारी अस्पतालों को भी कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि अस्पताल अब “यमदूतों का केंद्र” बन चुके हैं. “सरकारी अस्पताल इलाज के नाम पर मासूमों को मौत की ओर धकेल रहे हैं. यह प्रदेश सरकार की नाकामी का सबसे बड़ा उदाहरण है.”

राज्य सरकार ने संदिग्‍ध कफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया
इस बीच मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ट्वीट कर बच्चों की मौत पर गहरा दुख जताया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने तुरंत इस सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही सिरप बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट पर भी बैन लगाया जा रहा है. सीएम ने बताया कि कंपनी की फैक्ट्री तमिलनाडु के कांचीपुरम में है और तमिलनाडु सरकार को जांच के लिए कहा गया था. आज आई जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जा रही है.

खांसी दूर करने वाले कफ पीने से मौत, जांच में मिला जहर 
जानकारी के अनुसार, छिंदवाड़ा जिले में 10 मासूम बच्चों की मौत हुई है. सभी बच्चों को खांसी-जुकाम के इलाज में स्थानीय अस्पतालों से वही सिरप दिया गया था. कई मामलों में बच्चों की किडनी फेल होने की बात सामने आई. परासिया एसडीएम सौरभ कुमार यादव ने बताया कि अब तक 1400 से अधिक बच्चों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है और यह अभियान लगातार जारी है. परिजनों का कहना है कि डॉक्टरों की सलाह पर दिए गए सिरप ने ही उनके बच्चों की जान ली. जिन परिवारों ने अपने मासूम खोए हैं, उनका दर्द शब्दों में बयां करना मुश्किल है.

कांग्रेस का हमला: दोषी अधिकारियों और ड्रग कंट्रोलर तक को सख्त सजा मिले 
कांग्रेस का यह भी कहना है कि केवल बैन करने से समस्या हल नहीं होगी. दोषी अधिकारियों और ड्रग कंट्रोलर तक को सख्त सज़ा मिलनी चाहिए. पार्टी का आरोप है कि प्रदेश सरकार की लापरवाही से मासूमों की मौतें हो रही हैं और जिम्मेदारों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है. इस पूरे मामले ने राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

Sumit verma

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें

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