शिवपुरी रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार दोपहर को एक 65 वर्षीय महिला मालगाड़ी के सामने आत्महत्या के इरादे से रेलवे ट्रैक पर बैठ गई। इस दौरान अचानक सामने से ट्रेन आ गई, लेकिन स्टेशन पर तैनात जीआरपी जवान और रेलवे ट्रॉलीमैन ने साहस और फुर्ती दिखाते हुए महिला को
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कुछ ही सेकेंड में हो सकती थी मौत
घटना शुक्रवार दोपहर 2:10 बजे की है। अशोकनगर जिले के मुंगावली की रहने वाली सरजू बाई (65) पति स्व. भगवान सिंह राजपूत प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर थीं। अचानक वह पटरियों पर उतर गईं और सामने से आती मालगाड़ी को देखकर वहीं बैठ गईं। जैसे ही ट्रेन नजदीक आई, महिला उठकर खड़ी हो गईं।
इस दौरान भीड़ में मौजूद लोग चिल्लाने लगे। उसी समय जीआरपी थाने के प्रधान आरक्षक जसवंत यादव और रेलवे ट्रॉलीमैन दिनेश गौतम ने बिना देर किए दौड़ लगाई और महिला को खींचकर ट्रैक से बाहर निकाल लिया। उस समय ट्रेन कुछ ही कदम दूर थी।
5 तस्वीरों में देखें घटनाक्रम
सबसे पहले 65 वर्षीय महिला आत्महत्या के इरादे से रेलवे ट्रैक पर बैठ गई।

इस दौरान वह कुछ मिनट तक ट्रेन के आने का इंतजार करती रही।

दूसरे ट्रैक पर ट्रेन आते देख महिला आत्महत्या करने के लिए वहां गई।

लोगों के चिल्लाने पर अचानक जीआरपी जवान और रेलवे ट्रॉलीमैन ने उन्हें वहां से हटाया।

महिला को समझाइश भी दी गई, इस दौरान मालगाड़ी भी कुछ देर के लिए रुक गई।
अकेलेपन की वजह से उठाया कदम
पूछताछ में महिला ने बताया कि वह अकेलेपन से गुजर रही थीं। उनके पति और तीन में से दो बेटों की मौत हो चुकी है। एक बेटा इंदौर में रहता है और बेटी की शादी हो चुकी है। घर में अकेली रह जाने के कारण मानसिक तनाव में थीं और इसी वजह से आत्महत्या का प्रयास किया।
जीआरपी ने समझाया, परिजनों को सौंपा
घटना के बाद जीआरपी थाना प्रभारी अनिल रघुवंशी ने महिला को ढांढस बंधाया और समझाइश दी। बाद में महिला को उनके परिजनों के सुपुर्द किया गया। जीआरपी टीम ने उन्हें अशोकनगर जिले के मुंगावली पहुंचाया और वार्ड-5 के पार्षद बाबूलाल को सौंप दिया।
वहीं स्थानीय लाेगों ने प्रधान आरक्षक जसवंत यादव और ट्रॉलीमैन दिनेश गौतम की तत्परता और बहादुरी की तारीफ की। उन्होंने बताया कि घटना ने न सिर्फ रेलवे सुरक्षा कर्मचारियों की जिम्मेदारी और संवेदनशीलता को दर्शाया, बल्कि यह भी बताया कि थोड़ी सी तत्परता किसी की जिंदगी बदल सकती है।