टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज को पहले टेस्ट मैच में पारी और 140 रन से शिकस्त दी. अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में रवींद्र जडेजा ने ऑलराउंडर प्रदर्शन किया. उन्होंने गेंद और बल्ले से शानदार खेल दिखाया. जडेजा ने नाबाद 104 रन की शतकीय पारी खेली और फिर दूसरी पारी में चार विकेट लेकर भारत की बड़ी जीत के नायक बने. इसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड मिला. इसके साथ ही जडेजा ने इतिहास रच दिया.
ऐसा करने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर
यह 10वां मौका था, जब जडेजा को प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड से नवाजा गया, जिसके साथ उन्होंने इतिहास रच दिया है. ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा भारत में टेस्ट मैचों के दौरान सबसे ज्यादा ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ अवॉर्ड जीतने वाले खिलाड़ी बन गए हैं. जडेजा को 10वीं बार इस खिताब से नवाजा गया है. जडेजा पहले ऐसे भारतीय क्रिकेटर हैं, जिन्होंने भारत में 10 बार यह अवॉर्ड जीता. इस मामले में उन्होंने दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले को पीछे छोड़ दिया, जिन्होंने भारत में 9 बार टेस्ट मुकाबलों में ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ अपने नाम किया. कुंबले के बाद इस लिस्ट में विराट कोहली (8), सचिन तेंदुलकर (8) और रविचंद्रन अश्विन (7) का नाम शामिल है.
भारत में टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड
10 – रवींद्र जडेजा (50 टेस्ट)*
9 – अनिल कुंबले (63)
8 – विराट कोहली (55)
8 – सचिन तेंदुलकर (94)
7 – आर अश्विन (65)
इस मामले में द्रविड़ की बराबरी की
वहीं, दूसरी ओर भारत के लिए टेस्ट फॉर्मेट में सर्वाधिक ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ जीतने वालों में जडेजा, राहुल द्रविड़ के साथ संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं. दोनों ही खिलाड़ियों ने 11-11 बार टेस्ट क्रिकेट में यह अवॉर्ड अपने नाम किए हैं. इस लिस्ट में सचिन तेंदुलकर टॉप पर हैं, जिन्होंने 200 टेस्ट मुकाबलों में 14 बार ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ पुरस्कार अपने नाम किया.
बल्ले और गेंद से मचाया धमाल
रवींद्र जडेजा ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहली पारी में 3 ओवर गेंदबाजी की, लेकिन 15 रन देकर कोई सफलता हासिल नहीं कर सके. इसके बाद जडेजा ने बल्ला थामते हुए 176 गेंदों में 5 छक्कों और 6 चौकों के साथ नाबाद 104 रन बनाए. इस दौरान उन्होंने ध्रुव जुरेल के साथ 206 रन की साझेदारी भी की.
जीत के बाद क्या बोले?
भारत की जीत पर खुशी जताते हुए रवींद्र जडेजा ने कहा, ‘मैं अपनी बल्लेबाजी पर कड़ी मेहनत कर रहा हूं. हमें दो महीनों का ब्रेक मिला था. इस दौरान कोई टेस्ट क्रिकेट या वनडे मैच नहीं था. मैं अपनी फिटनेस पर काम कर रहा था. मैं बेंगलुरु के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस गया, वहां अपनी स्किल और फिटनेस पर काम किया. कुछ साल पहले मैं आठवें और नौवें नंबर पर बल्लेबाजी करता था, लेकिन अब मुझे छठे नंबर पर जगह मिल गई है.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे हमेशा लाल मिट्टी की पिचों पर खेलना पसंद है. यह मजेदार होता है, क्योंकि एक स्पिनर के रूप में आपको ज्यादा टर्न और उछाल मिलता है. बतौर स्पिनर, आप हमेशा यही चाहते हैं. मुझे लगता है कि मैं इसका लुत्फ उठा रहा था.’