MP के इस पहाड़ में क्या है? पहले यहां यूपी से आकर छिपते थे डकैत, पुलिस भी ढूंढ नहीं पाती थी, अब खुला राज

MP के इस पहाड़ में क्या है? पहले यहां यूपी से आकर छिपते थे डकैत, पुलिस भी ढूंढ नहीं पाती थी, अब खुला राज


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Chhatarpur News: छतरपुर में एक ऐसा पहाड़ है, जहां कभी मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के डकैत सालों छिप कर रहते थे. इस बात का खुलास अब हुआ. कारण चौंका देगा…

Chhatarpur News: मध्य प्रदेश का छतरपुर जिला जो ग्रेनाइट चट्टान की पहाड़ियों के लिए जाना जाता है. यहां ऐसी दुर्गम पहाड़ियां भी हैं, जहां तक पहुंचना हर किसी के बस की बात नहीं है. लेकिन, इन पहाड़ियों पर कभी बदमाश-डकैतों का डेरा हुआ करता था. दरअसल, छतरपुर के गौरिहार तहसील के अंतर्गत गहबरा गांव में ऐसा ही एक विशाल पहाड़ है, जहां कभी यूपी और एमपी के छोटे-बड़े डकैत डेरा डालकर रहते थे. इसका कारण इस पहाड़ की खासियत है.

चारों तरफ घनघोर जंगल था 
स्थानीय निवासी कालीचरण सोनी बताते हैं कि यह पहाड़ बहुत ही विशाल है. लगभग 4 किलोमीटर लंबाई का यह पहाड़ बताया जाता है. यह पहाड़ सिर्फ लंबाई में ही नहीं, बहुत ऊंचा भी है. यह विशाल पहाड़ लगभग 20 हेक्टेयर से भी ज्यादा में फैला है. शायद यही एक वजह थी कि इस पहाड़ पर बदमाश-डकैत छिपे रहते थे. इस पहाड़ के चारों तरफ घनघोर जंगल था, पहले पहाड़ के एक तरफ बस्ती भी नहीं थी.

मौसम के अनुकूल था पहाड़ 
कालीचरण बताते हैं कि इस पहाड़ में विशाल ग्रेनाइट की चट्टानें मौजूद हैं. इन चट्टानों से बनी बड़ी-बड़ी गुफाएं देखने को मिलती हैं. इन गुफाओं की खासियत है कि गर्मी के मौसम में यह ठंडक प्रदान करती हैं और ठंड मौसम में गर्माहट प्रदान करती हैं. यह पहाड़ मौसम के अनुकूल है, इसलिए डकैत यहां सालों छिपे रहते थे.

जंगली जानवर भी रहते थे 
कालीचरण बताते हैं कि इस पहाड़ में जंगली जानवर भी रहा करते थे, जिसकी वजह से यहां आम लोग नहीं जाते थे. पहले इस पहाड़ पर बकरियां चराने वाले चरवाहे भी नहीं जाया करते थे, हालांकि अब यहां लोग जाने लगे हैं. लेकिन, उस जमाने में इस पहाड़ में कोई नहीं जाता था. यह सुनसान पहाड़ था यहां तेंदुआ और भेड़िया जैसे जंगली जानवर रहते थे, इसलिए डकैत इस जगह को सुरक्षित महसूस करते थे.

पहाड़ में पहुंचने के लिए रास्ता नहीं 
गांव के देवी दीन पाल बताते हैं कि इस पहाड़ तक पहुंचने के लिए किसी भी तरह का रास्ता नहीं था. हालांकि, पहाड़ में एक माता का स्थान बना है जिसकी वजह से यहां आज सीढ़ियां बन गई है. लेकिन उस जमाने में सीढ़ियां नहीं थी. इस पहाड़ तक पुलिस का पहुंचना असंभव था. उस समय मोबाइल भी नहीं चलते थे. इसलिए न तो बदमाशों के पास कोई साधन था और न ही पुलिस के पास साधन था. यह पहाड़ बहुत ऊंचा है, जिसकी वजह से बदमाश ऊंचाई से ही पुलिस की गाड़ी को देख लेते थे और सावधान हो जाते थे. साल भर यहां घनघोर जंगल रहता था जिसकी वजह से पुलिस इनको ढूंढ नहीं पाती थी.

यूपी के बदमाश डकैतों की पसंदीदा जगह 
वहीं, सीताराम शुक्ला बताते हैं कि इस पहाड़ में सिर्फ एमपी के ही बदमाश-डकैत नहीं छिपे रहते थे, बल्कि यूपी के बदमाश डकैत भी आकर छिपते थे. ये बदमाश-डकैत सालों यहां पड़े रहते थे. यह बदमाश दिन में पहाड़ में छुपे रहते थे और कभी-कभार रात में खाने-पीने की व्यवस्था के लिए पहाड़ से निकलते भी थे.

Rishi mishra

एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म…और पढ़ें

एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म… और पढ़ें

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