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Public Opinion: ऑस्ट्रेलिया वनडे सीरीज के लिए टीम इंडिया की कप्तानी शुभमन गिल को मिली है. रोहित शर्मा और विराट कोहली टीम में बने रहेंगे. कानपुर के युवाओं ने इस बदलाव को सकारात्मक माना है.
कानपुर: भारतीय क्रिकेट टीम में एक बड़ा बदलाव हुआ है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली वनडे सीरीज के लिए टीम इंडिया का ऐलान हो गया है और इस बार रोहित शर्मा की जगह युवा बल्लेबाज शुभमन गिल को टीम की कप्तानी सौंपी गई है. यह फैसला भले ही चौंकाने वाला हो, लेकिन कानपुर के क्रिकेट फैंस इसे भारतीय क्रिकेट के लिए एक नए दौर की शुरुआत मान रहे हैं. भले ही रोहित शर्मा और विराट कोहली दोनों को टीम में रखा गया है, पर कप्तानी की जिम्मेदारी अब 24 साल के गिल के कंधों पर है. इस फैसले पर कानपुर के लोगों की मिली-जुली राय है, लेकिन ज़्यादातर लोग इसे सकारात्मक मान रहे हैं. कानपुर के लोगों का कहना है कि इससे अभी से टीम 2027 वर्ल्ड कप के लिए तैयार होगी. क्योंकि आप जिम्मेदारी युवा क्रिकेटरों पर ही है. क्योंकि एक्सपीरियंस खिलाड़ी अब इनका गाइडेंस करें और इनको आगे आने वाले देश के भविष्य के लिए तैयार करें. यह जरूरी है और टीम में रोहित और विराट इसी भूमिका में नजर आएंगे.
अनुभव रहेगा टीम की ‘रीढ़ की हड्डी’
वहीं लोगों का यह भी कहना है कि जिस प्रकार से विराट कोहली की अभी फिटनेस है और रोहित शर्मा का अपने खेल के प्रति डेडीकेशन है वह यह दर्शाता है कि वह लोग अभी भी टीम के लिए एक मजबूत स्तंभ हैं और 2027 के वर्ल्ड कप में यह दोनों खिलाड़ी टीम में मौजूद रहेंगे और टीम का मार्गदर्शन करेंगे और टीम में मजबूत तरह से खेलते हुए भी नजर आएंगे.बीसीसीआई (BCCI) के इस फैसले को कानपुर के ज़्यादातर लोगों ने खुले दिल से स्वीकारा है. लोगों का मानना है कि शुभमन गिल के नेतृत्व में टीम इंडिया नए जोश और नई ऊर्जा के साथ मैदान पर उतरेगी और 2027 वर्ल्ड कप के लिए अभी से एक मज़बूत टीम तैयार हो जाएगी. वहीं, रोहित शर्मा और विराट कोहली का टीम में होना एक बैकबोन की तरह है.अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि युवा कप्तान शुभमन गिल अपनी पहली सीरीज़ में टीम को किस तरह लीड करते हैं और जीत दिला पाते हैं. यह बदलाव भारतीय क्रिकेट को एक नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है.
पिछले एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. 2010 में नई दुनिया अखबार से अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की, जिसके बाद यह सफर निरंतर आगे बढ़ता गया. प्रिंट, टीवी और डिजिटल-तीनों ही माध्यमों …और पढ़ें
पिछले एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. 2010 में नई दुनिया अखबार से अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की, जिसके बाद यह सफर निरंतर आगे बढ़ता गया. प्रिंट, टीवी और डिजिटल-तीनों ही माध्यमों … और पढ़ें