भोपाल के शहर काजी मुश्ताक अली नदवी ने कहा कि दहेज की प्रथा इंसानियत और इस्लाम दोनों के खिलाफ है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि अपनी शादी का खर्च खुद उठाएं और दूसरों से न मांगें। काजी नदवी ने बेटियों को बोझ नहीं, रहमत बताया और कहा कि समाज की सोच बदलनी
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शहर काजी जहांगीराबाद स्थित क्रीसेंट पब्लिक स्कूल में पहुंचे थे।
दहेज प्रथा पर कड़ी चेतावनी
काजी नदवी ने कहा कि आज मंगनी का मतलब बदल गया है। पहले यह रिश्ता तय करने का तरीका था, अब दहेज मांगने की आदत बन गई है। लोग लड़की से पहले पलंग, एसी, फर्नीचर, गाड़ी और बारात के खर्च की लिस्ट लेकर बैठ जाते हैं। उन्होंने नौजवानों को समझाया कि असली मर्द वही है जो अपनी शादी का खर्च खुद उठाए, दूसरों से मांग न करे।
निकाह एक इबादत, दिखावे से दूर
काजी नदवी ने कहा कि इस्लाम में निकाह को इबादत माना गया है। अमीर-गरीब, राजा-नौकर, सभी बराबर हैं। शादी को दिखावे और खर्च से जोड़ना गलत है। जितना खर्च बढ़ाओगे, उतना रिश्ता मुश्किल बन जाएगा। इस्लाम सादगी और बराबरी का रास्ता दिखाता है।
बेटियों को बोझ न समझें
उन्होंने कहा कि बेटी, बीवी और मां समाज के लिए रहमत हैं। अफसोस है कि आज की सोच में बेटियों को दहेज के डर से बोझ समझा जाता है। काजी नदवी ने कहा कि अगर मर्द अपनी जिम्मेदारी समझ ले, तो कोई बेटी बोझ नहीं होगी।
महिलाओं को दिया ऊंचा दर्जा
काजी नदवी ने बताया कि इस्लाम ने महिलाओं को मेहर, विरासत में हिस्सा और इंसाफ का अधिकार दिया। पैगंबर मोहम्मद ने बच्चियों की परवरिश और सम्मान का उदाहरण पेश किया। इस्लाम में औरत को तीनों रूपों में बराबर सम्मान मिला है।

शहर काजी मुश्ताक अली नदवी।
30 साल की मुहिम से सफलता
काजी नदवी पिछले 30 साल से नौजवानों को बिना दहेज के निकाह के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आज कई नौजवान बेटे-बेटियां बिना बारात और बिना दहेज के शादी कर रहे हैं। ऐसे युवा समाज के लिए मिसाल हैं।
कैरेक्टर और क्वालिटी पर जोर
काजी नदवी ने युवाओं को नशा और बुरी संगत से दूर रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इंसानियत, मेहनत और ईमानदारी ही असली सफलता हैं। युवाओं को अपने अंदर कैरेक्टर और क्वालिटी पैदा करनी चाहिए।
हिंदू लड़कियों से दुष्कर्म मामले में कहा-इस्लाम में ऐसे दरिंदों की कोई जगह नहीं हिंदू छात्राओं से रेप और ब्लैकमेलिंग मामले में शहर काजी मुफ्ती मुश्ताक अली नदवी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में ‘जिना’ यानी बलात्कार जैसे अपराध के लिए बेहद सख्त सजा का प्रावधान है। पढ़ें पूरी खबर