हल्द्वानी2 मिनट पहले
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कैंची धाम में लगी भक्तों की भीड़।
उत्तराखंड के नैनीताल जिले के भवाली स्थित विश्व प्रसिद्ध बाबा नीम करोली महाराज का कैंची धाम मंदिर देश-विदेश के लाखों श्रद्धालुओं का आस्था का केंद्र है। बाबा नीम करोली महाराज मंदिर में दर्शन करने रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। जहां मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं में 70% युवा है जो किस्मत बदलने वाले बाबा के दरबार में आशीर्वाद लेने आ रहे हैं।
पिछले कई महीनों से सांख्यिकी विभाग द्वारा कैंची धाम में रजिट्रेस्शन और धारण क्षमता (Holding Capacity) को लेकर सर्वे किया जा रहा है, जिसमें खुलासा हुआ है कि प्रत्येक पांच हजार श्रद्धालुओं में 70% युवा दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं, जिनकी उम्र 15 साल से लेकर 30 साल की है। यह सर्वे शनिवार देर शाम जारी किया गया है।
नैनीताल जिले के काठगोदाम रेलवे स्टेशन से करीब 38 किलोमीटर दूर अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर स्थित सुप्रसिद्ध कैंची धाम में रोजाना ही आस्था का सैलाब उमड़ता है। नेता, अभिनेता व विभिन्न खेलों से जुड़े कई प्रसिद्ध हस्तियों का नाम बाबा भक्तों में शामिल हैं। देश विदेश से बाबा भक्त कैंची धाम पहुंचकर अपने अराध्य बाबा नीम करोली के दर पर मत्था टेकने हैं।

कैंची धाम में पहुंच रहे श्रद्धालु।

गुजरात के सूरत से आई श्रद्धालु।
नीम करोली बाबा को हनुमान का अवतार माना जाता
बाबा इस दुनिया में तो नहीं है लेकिन उनको एक रहस्यमयी संत कहा जाता है। फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग और Apple के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स, हॉलीवुड स्टार जूलिया राबर्ट्स, भारतीय टीम के खिलाड़ी विराट कोहली भी बाबा के भक्तों में शामिल है, जहां मुश्किल दौर में उनकी किस्मत को बाबा ने बदलने का काम किया।
यही कारण है कि आज बाबा नीम करोली महाराज का कैंची धाम मंदिर लाखों श्रद्धालुओं और युवाओं का आस्था का केंद्र बन गया है। बाबा नीम करोली का 1973 में निधन हो गया था। इन नामी हस्तियों ने बाबा नीम करोली का जीवंत दर्शन तो नहीं कर पाए लेकिन मंदिर में आकर मात्र दर्शन से उनके बिगड़े हुए काम बने है।
बाबा नीम करोली महाराज की आस्था और चमत्कार की कहानी पूरी देश दुनिया में की जाती
इंटरनेट पर भी बाबा की कई अनगिनत चमत्कार और कहानियों का जिक्र होता है। जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा के दरबार में पहुंचते हैं और यहां आकर अपने आप को भाग्यशाली मानते हैं। भागदौड़ व प्रतिस्पर्धा भरी जिंदगी में युवाओं के मन में बाबा नीम करौली की आस्था का संचार होना भविष्य के लिए भी सुखद पहलू माना जा रहा है।
नीम करोली बाबा को केवल भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध संत के रूप में जाना जाता है। बाबा 20वीं सदी के महान संतों में एक थे, जिनके दर्शन के लिए बड़ी-बड़ी हस्तियां भी लालायित रहती थीं। बाबा के अनुयायी इन्हें हनुमान जी का अवतार मानते हैं।

कैंची धाम मंदिर प्रबंधक विनोद जोशी जानकारी देते हुए।
कौन हैं बाबा नीम करोली….
उत्तर प्रदेश में हुआ जन्म- बाबा के जीवन से कई चमत्कार भी जुड़े हैं। लेकिन इतनी महानता होने के बावजूद भी बाबा स्वयं को साधारण व्यक्ति ही मानते थे और किसी भी भक्त को अपने पैर छूने नहीं देते थे। नीम करोली बाबा का जन्म उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में 1900 के करीब हुआ था। इनके पिता का नाम दुर्गा प्रसाद था।
नीम करोली बाबा का वास्तविक नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था बाबा जब तक जीवित थे, लोग उन्हें नीम करोली बाबा, लक्ष्मण दास, हांडी वाले बाबा, तिकोनिया वाले बाबा और तलईया बाबा जैसे नामों से जानते थे। बाबा की प्रारंभिक शिक्षा गांव से हुई और 17 साल की उम्र में इन्हें ज्ञान की प्राप्ति हो गई।
दो बार छोड़ा घर- नीम करोली बाबा की शादी 11 साल की उम्र में ही कर दिया था। लेकिन शादी के बाद बाबा ने घर त्याग कर दिया और गुजरात में एक वैष्णव मठ में दीक्षा लेकर साधना करने लगे। बाबा ने कई स्थानों पर भ्रमण किया। लेकिन एक बार फिर से इन्हें गृहस्थ जीवन में लौटना पड़ा। इसके बाद नीम करोली बाबा के तीन बच्चे हुई।
लेकिन 1958 में बाबा ने फिर से घर त्याग कर दिया और अनेक स्थानों पर भ्रमण करते हुए कैंची धाम पहुंच गए। बाबा ने 1964 में कैची मंदिर आश्रम की स्थापना की। मंदिर में बाबा ने हनुमान मंदिर स्थापना की थी। बाबा नीम करोली को भक्त व उनके अनुयायी हनुमान जी का अवतार मानते थे।
लेकिन नीम करोली बाबा खुद भी हनुमान जी की पूजा करते थे। 11 सितंबर 1973 को बाबा नीम करोली ने अपने प्राण त्याग दिए।