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मकरोनिया क्षेत्र के अजमानी कैम्पस निवासी 86 वर्षीय सत्य कुमार चक्रवर्ती ने देहांत के बाद नेत्रदान किया। शुक्रवार सुबह करीब पांच बजे रिटायर्ड इंजीनियर सत्य कुमार चक्रवर्ती का सांस की बीमारी व ब्रेन स्ट्रोक के कारण मकरोनिया की निजी अस्पताल में निधन हो गया था। चक्रवर्ती ने जीवित अवस्था में अपनी धर्मपत्नी क्षिप्रा चक्रवर्ती से नेत्रदान की इच्छा जताई थी।
निधन के ढाई घंटे बाद उनकी बेटी नवनीता भट्टाचार्य ने बुंदेलखंड चिकित्सा महाविद्यालय नेत्र रोग विभाग के एचओडी डॉ. प्रवीण खरे को सूचना दी। उन्होंने आई बैंक टीम को मकरोनिया अस्पताल भेजा, जहां एहतियात बरतते हुए, परिजनों की लिखित सहमति से दिवंगत सत्य कुमार चक्रवर्ती की दोनों आंखों के कॉर्निया को सुरक्षित निकालकर आई बैंक में रखवाया गया है। चिकित्सकों ने दिवंगत की पत्नी क्षिप्रा चक्रवर्ती, बेटे रविशंकर चक्रवर्ती व बेटी नवनीता भट्टाचार्य का आभार व्यक्त किया। नेत्र रोग विभाग आई बैंक के चिकित्सकों ने बताया कि नेत्र दान मरणोपरांत दान है, जो स्वैच्छिक है और समाजहित के लिए है।