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रोहित शर्मा को वनडे कप्तानी से क्यों निकाला गया? ये वो सवाल है जिसका जवाब हर क्रिकेट फैन जानना चाहता है. जिस क्रिकेटर ने 7 महीने पहले भारत को चैंपियंस ट्रॉफी जिताई, उसे क्यों इस कदर लीडरशिप रोल से बाहर कर दिया गया. एक रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि गौतम गंभीर की वजह से ये सब हुआ.
नई दिल्ली. विराट कोहली को जब कप्तानी से हटाया गया था तब उस वक्त के बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली से ईगो क्लैश की खबरें सामने आई थी. बोर्ड और चयनकर्ताओं के साथ खराब संबंधों वाली स्थिति महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज के साथ भी रही. अब यह खबर सामने आ रही है कि रोहित शर्मा को वनडे कप्तानी से हटाने के पीछे वजह मुख्य कोच गौतम गंभीर के साथ ईगो क्लैश है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में बीसीसीआई सूत्रों के हवाले इस बात की जानकारी दी गई.
रोहित शर्मा के कद से थी प्रॉबलम
रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से कहा गया कि रोहित जैसे कद के खिलाड़ी को लीडरशिप रोल में रखने का मतलब होता कि उन्हें ड्रेसिंग रूम में अपनी सोच को लागू करने का मौका मिलता. हिटमैन केवल एकदिवसीय मैचों में खेलते हैं. यह फॉर्मेट मौजूद वक्त में सबसे कम खेला जाता है. ऐसे में रोहित के कप्तान रहने से टीम कल्चर में खलल पड़ सकता था. आगे बताया गया कि कोच गौतम गंभीर ने अपने कार्यकाल के पहले छह महीनों में टेस्ट और वनडे मैचों में पीछे की सीट ले ली थी, लेकिन न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार ने उन्हें और मजबूती से कमान संभालने का मौका दे दिया.
टीम के स्तंभों के बीच टकराव से बचना मकसद
रोहित शर्मा की जगह शुभमन गिल को वनडे में कप्तानी सौंपे जाने के मुद्दे पर चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने मीडिया से कहा कि तीनों फॉर्मेट में अलग-अलग कप्तान रखने पर टीम के स्तंभों के बीच टकराव से बचना है. साथ ही गिल को 2027 विश्व कप के लिए समय देने की आवश्यकता की बात उन्होंने कही थी. इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि गौतम गंभीर वनडे कप्तान को बदलने के फैसले में शामिल थे. गंभीर टीम को एकजुट और मजबूत नियंत्रण रखना चाहते हैं. यही वजह है कि उन्होंने रोहित के कद के क्रिकेटर को साइडलाइन करने का फैसला किया.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें