राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष में आज शहर में 15 बस्तियों से विजयदशमी पथ संचलन निकाला गया। अलग-अलग जगह इन पथ संचलनों का समापन हुआ। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि हमारे देवता शस्त्र धारण करते हैं क्योंकि उनका उद्देश्य विनाश नहीं, बल्कि संरक्षण और
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष में मनाए जा रहे विजयदशमी उत्सव के अवसर पर लगातार पथ संचलन निकाले जा रहे हैं। मीडिया प्रभारी ने बताया कि आज 15 बस्तियों से पथ संचलन निकाले गए। गुना नगर का वातावरण राष्ट्रभक्ति, संस्कृति और संगठन की शक्ति से ओतप्रोत रहा।
उन्होंने बताया कि गुना नगर के केशव उपनगर और श्रीराम उपनगर की विभिन्न बस्तियों से स्वयंसेवकों के अनुशासित पथ संचलन निकले। प्रत्येक संचलन में स्वयंसेवक भारत माता की जय और वंदे मातरम् के उद्घोष के साथ पूर्ण अनुशासन और उत्साह से नगर की गलियों से गुजरे।
जब दोनों उपनगरों के संचलनों का संगम हुआ, तो यह दृश्य अत्यंत भव्य और प्रेरणादायी रहा। विभिन्न दिशाओं से आ रहे संचलनों का एक साथ मिलन देखकर नगरवासी अभिभूत हो उठे।
संचलन मार्गों पर जगह-जगह नागरिकों ने पुष्पवर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया। कई स्थानों पर “राम जी की सेना चली” जैसे गीतों पर साउंड सिस्टम के माध्यम से वातावरण भक्तिभाव से भर गया। माता-बहनों ने घरों के बाहर रंगोली, दीप और फूलों से मार्ग सजाकर सनातन संस्कृति का सजीव उदाहरण प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते वक्ता।
बूढ़े बालाजी मंदिर हॉल में संपन्न समापन कार्यक्रम में सुरेश महाराज, उपनगर कार्यवाह दिनेश कुशवाहा, तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विभाग संपर्क प्रमुख गोपाल स्वर्णकार मंचासीन रहे। मुख्य वक्ता गोपाल स्वर्णकार ने कहा कि भारत उत्सवों की भूमि है। हमारे देवता शास्त्र धारण करते हैं क्योंकि उनका उद्देश्य विनाश नहीं, बल्कि संरक्षण और संस्कृति की रक्षा है।
शक्ति के बिना शांति की कल्पना नहीं की जा सकती इसलिए संघ शस्त्र और शास्त्र दोनों की साधना का संदेश देता है। डॉ. हेडगेवार ने विजयदशमी को स्थापना दिवस इसलिए चुना ताकि हर पीढ़ी में धर्म की विजय और अधर्म से संघर्ष की भावना सजीव रहे।
उन्होंने कहा कि संघ आज विश्व के अनेक देशों में धर्म, संस्कृति और विश्वकल्याण की भावना से कार्य कर रहा है और शताब्दी वर्ष में संघ का लक्ष्य है- “हर हिंदू घर से एक स्वयंसेवक।”

पथ संचलन की शुरुआत करते स्वयंसेवक।
श्रीराम उपनगर के पथ संचलन का समापन समारोह नसिया जी बीजी रोड पर हुआ। इसमें नगर संघचालक महेंद्र संधू, विजय जैन (भारतीय जैन मिलन समाज के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वर्तमान संरक्षक, गुना) और जितेंद्र गुर्जर (अखिल भारतीय संगठन मंत्री, बनवासी मजदूर संघ) उपस्थित रहे।
मुख्य वक्ता जितेंद्र गुर्जर ने कहा कि विजयदशमी केवल सत्य की असत्य पर विजय का प्रतीक नहीं, बल्कि राष्ट्र की शक्ति, समाज की एकता और संस्कृति की रक्षा का संकल्प दिवस है। संघ समाज को संगठित, सशक्त और सम्राट बनाने की दिशा में निरंतर कार्यरत है।
सनातन संस्कृति की यह परंपरा हमें बताती है कि जब-जब अधर्म बढ़ा है, तब धर्म ने स्वयं को संगठित कर विजय प्राप्त की है।