हाईवे चौड़ीकरण- टावर शिफ्टिंग पर विवाद: जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि के प्लॉट पर विरोध, अधिकारियों पर दबाव का आरोप – Vidisha News

हाईवे चौड़ीकरण- टावर शिफ्टिंग पर विवाद:  जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि के प्लॉट पर विरोध, अधिकारियों पर दबाव का आरोप – Vidisha News



विदिशा में नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण के दौरान हाई टेंशन लाइन के टावर शिफ्ट करने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। यह विवाद जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि कैलाश रघुवंशी के प्लॉट से जुड़ा है, जहां बिजली विभाग के अधिकारी लेआउट डालने पहुंचे थे।

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अधिकारियों का कहना है कि हाईवे विस्तार के लिए टावर शिफ्ट करना आवश्यक है और प्लॉट मालिक को मुआवजा भी दे दिया गया है। इसके बावजूद, प्लॉट मालिक ने काम का विरोध किया, जिससे शिफ्टिंग प्रभावित हुई।

रघुवंशी ने अधिकारियों पर लगाया दबाव का आरोप कैलाश रघुवंशी ने आरोप लगाया कि विदिशा के एक स्थानीय नेता के दबाव में अधिकारी नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। उनका कहना है कि अधिकारी जानबूझकर मोनोपोल (सिंगल) टावर लगाने से रोक रहे हैं।

सिंगल टावर से कम जमीन प्रभावित होगी रघुवंशी के अनुसार, सिंगल टावर लगाने से जमीन का कम उपयोग होगा और लोगों को कम नुकसान होगा, जबकि प्रस्तावित टावर अधिक जमीन घेरेगा। उन्होंने बताया कि उन्हें लेआउट डालने के बारे में कोई लिखित सूचना नहीं दी गई थी।

अधिकारियों और ठेकेदारों पर भ्रष्टाचार के आरोप रघुवंशी ने अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि कुछ अधिकारियों ने ठेकेदारों के साथ मिलकर कमीशन के लिए जिले की ग्रामीण सड़कों का घटिया निर्माण कराया है। उन्होंने ‘दिशा’ की बैठक में घटिया निर्माण का मुद्दा उठाया था, जिसके बाद बदले की भावना से यह कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने प्रोजेक्ट डायरेक्टर पर खराब काम करने और सड़कों को नुकसान पहुंचाने का आरोप भी लगाया।

खनन और सड़क निर्माण पर उठाए सवाल रघुवंशी ने पूछा कि 74 जगहों पर खनन की अनुमति देने के बाद कितनी रॉयल्टी और जीएसटी जमा किया गया। साथ ही उन्होंने पीडब्ल्यूडी की तीन सड़कों – डाबर रोड, गली नंबर 5 की पैराडाइज वाली रोड और गुरारिया वाली रोड- पर अंडरपास न बनाने का आरोप लगाया। उनके अनुसार, ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए अंडरपास नहीं बनाए जा रहे हैं, जिससे भविष्य में लोगों को लंबा चक्कर लगाना पड़ेगा और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ेगा।



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