सुप्रीम कोर्ट ने क्रिकेट को लेकर चौंकाने वाली बात कही है. उन्होंने क्रिकेट के अलावा अन्य खेल की बात करते हुए बताया की अब समय आ गया है वह किसी भी खेल से जुड़े मामले में दखल ना दें. जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने कहा, ‘ क्रिकेट में खेल जैसा कुछ नहीं रह गया अब यह बस बिजनेस मात्र रह गया है और यह बहुत बड़ी सच्चाई है.’ सुप्रीम कोर्ट ने यह कमेंट तब किया जब वह जबलपुर संभाग के एक क्रिकेट ग्रुप से जुड़े हुए एक मामले MP कोर्ट के आदेश को चैलेंज करने वाली याचिका की सुनवाई करने वाली थी.
क्रिकेट के प्रति दिवानगी
जस्टिस विक्रम नाथ ने पहले इस मामले में सभी वकीलों पूछताछ की. आज हम क्रिकेट खेल रहे हैं और 3-4 मामले हैं. एक मामला दूसरे दौर के लिए टाल दिया गया था. यह दूसरा मामला है दो और मामले हैं. आप कितने टेस्ट मैच खेलेंगे.? याचिकाकर्ता के वकील ने कहा देश में क्रिकेट के प्रति खूब जुनून है.
मामला सुप्रीम कोर्ट में
जस्टिस विक्रम नाथ ने आगे कहा, ‘ मुझे लगता है की अब समय आ गया है इस कोर्ट को क्रिकेट, बैडमिंटन, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, के मामले में दखल नहीं देना चाहिए. ‘ जिसपर याचिकाकर्ता के वकीलों ने कहा कुछ दिक्कतों की वजह से ये मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आ रहा है.
‘खेल अब बिजनेस बन चुका है’
उन्होंने आगे कहा, ‘ इन सारे ही मामलों के नतीजों में काफी हित जुड़े हुए हैं. जिस खेल में ही बिजनेस शामिल हो जाता है, तो ऐसा होना तय है. यही नहीं जजों की पीठ ने याचिका पर विचार करने पर अपने विचार साफ जाहिर किया. वह बिल्कुल भी इंटरेस्टेड नहीं थे. इसके बाद याचिकाकर्ताओं के वकील ने जजों के पीठ से रिक्वेस्ट की याचिका लेने की इजाजत दी जाए. पीठ ने भी याचिका वापिस लेने की परमिशन दे दी.’