Agri Tips: आज के समय में खाद और रासायनिक दवा का खर्च बढ़ता जा रहा है. लेकिन, किसान प्राकृतिक घोल बनाकर खेती की लागत को आधा कर सकते हैं. मिट्टी की उर्वरता को कई गुना बढ़ा सकते हैं. ‘बैक्टीरिया खाद’ को किसान खुद अपने घर या खेत पर बहुत ही कम खर्च में तैयार कर सकते हैं. इस खाद को एक बार तैयार कर लीजिए, फिर सालभर तक आपको किसी भी रासायनिक खाद या बाजार की महंगी खाद पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.
मध्य प्रदेश के किसान भागीरथ पटेल बताते हैं कि पहले उनकी खेती पर हर सीजन में हजारों रुपये सिर्फ खाद पर खर्च हो जाते थे. लेकिन, जब उन्होंने बैक्टीरिया घोल तैयार करना सीखा, तो उनका खर्च 60% तक कम हो गया और फसल की पैदावार भी बढ़ी.
उनका दावा है कि “अगर किसान एक बार यह घोल बना ले, तो न तो यूरिया की जरूरत पड़ती है और न ही डीएपी की. मिट्टी खुद ही उपजाऊ बन जाती है.”
क्या है बैक्टीरिया खाद?
बैक्टीरिया खाद या सूक्ष्मजीव खाद एक ऐसा घोल है, जिसमें जीवित सूक्ष्मजीव (बैक्टीरिया) होते हैं. ये बैक्टीरिया मिट्टी में जाकर पौधों की जड़ों के पास कार्य करते हैं और पौधों को जरूरी पोषक तत्व आसानी से उपलब्ध कराते हैं. ये नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश को पौधों तक पहुंचाने में मदद करते हैं, जिससे पौधे मजबूत और हरे-भरे बनते हैं.
बैक्टीरिया खाद बनाने की विधि
इस घोल को तैयार करना बहुत ही आसान है. आइए जानते हैं कि किसान इसे कैसे बना सकते हैं.
सामग्री:
गोमूत्र – 10 लीटर
गोबर – 5 किलो
गुड़ – 1 किलो
बेसन या चना दाल का आटा – 500 ग्राम
पानी – 100 लीटर
प्लास्टिक का ड्रम – 200 लीटर क्षमता वाला
तैयारी की विधि:
1. सबसे पहले ड्रम को साफ पानी से धोकर छांव वाली जगह पर रखिए.
2. इसमें 100 लीटर पानी डालिए.
3. अब गोबर, गोमूत्र, गुड़ और बेसन डालकर लकड़ी की डंडी से अच्छे से मिला दीजिए.
4. इस मिश्रण को 5 से 7 दिन तक ढककर रखिए, लेकिन रोजाना एक बार हिलाते रहिए ताकि बैक्टीरिया सक्रिय रहें.
5. सातवें दिन यह घोल तैयार हो जाएगा. इसे आप अपने खेत में छिड़काव के लिए उपयोग कर सकते हैं.
कैसे करें उपयोग
– फसलों की जड़ में या मिट्टी की नमी के साथ इस घोल का छिड़काव करें.
– हर महीने एक बार इसका प्रयोग करें.
– चाहें तो 1 लीटर घोल को 10 लीटर पानी में मिलाकर पत्तियों पर स्प्रे भी किया जा सकता है.
– इससे पौधों की जड़ों में लाभकारी बैक्टीरिया बस जाते हैं और फसल को संपूर्ण पोषण मिलता है.