पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की सुरक्षा के लिए पार्क से सटे गांवों के कुत्तों में टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है। यह अभियान केनाइन डिस्टेंपर वायरस सहित सात अन्य बीमारियों की रोकथाम के उद्देश्य से चलाया जा रहा है। प्रथम चरण में 6 अक्टूबर से 29 अक्टूब
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टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर नरेश सिंह यादव ने बताया कि 6 अक्टूबर को अकोला क्षेत्र में शाम तक 13 कुत्तों का टीकाकरण किया गया। उन्होंने बताया कि टीकाकरण का दूसरा चरण 2 नवंबर से 13 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें 13 गांवों को कवर किया जाएगा।
कब और कहां होगा अब टीकाकरण
प्रथम चरण के तहत, 6 अक्टूबर को अकोला में टीकाकरण हुआ। इसके बाद 7 अक्टूबर को अमझिरिया, 8 और 9 अक्टूबर को बांधी, 10 और 11 अक्टूबर को बराछ, 13 अक्टूबर को झलाई, 14 और 15 अक्टूबर को जरधोबा, 16 अक्टूबर को इटवां, 17 और 18 अक्टूबर को जनवार, 19 अक्टूबर को रमपुरा, 21 और 22 अक्टूबर को तारा, 23 अक्टूबर को विक्रमपुर, 24 अक्टूबर को डोभा, 25, 27 और 28 अक्टूबर को धनगढ़ और 29 अक्टूबर को मनकी में टीकाकरण किया जाएगा।
द्वितीय चरण में इन स्थानों पर चलेगा अभियान
द्वितीय चरण में 22 नवंबर को कूड़न, 24 नवंबर को कटारी, 25 नवंबर को बिलहटा, 26 और 27 नवंबर को गहदरा, 28 नवंबर को कोनी, 29 नवंबर को मझौली, 1, 2 और 3 दिसंबर को मड़ला, 4 दिसंबर को राजगढ़, 5 और 6 दिसंबर को नादियाबैहर, 8 और 9 दिसंबर को बाहरपुरा, 10 और 11 दिसंबर को बरबसपुरा, 12 दिसंबर को रामसिलाटेक और 13 दिसंबर को बमारी में टीकाकरण होगा। निर्धारित तिथियों पर बूस्टर डोज भी लगाई जाएगी।

कुत्तों से बाघों सहित अन्य वन्यजीवों में फैलता है वायरस
फील्ड डायरेक्टर ने बताया कि केनाइन डिस्टेंपर डिजीज नामक वायरस से बाघों को खतरा है, जो कुत्तों से फैलने वाला एक वायरस है। पहले इस वायरस को बाघों में चिह्नित भी किया गया था। कुत्तों से बाघ तक बीमारी पहुंचने के मामले काफी पहले सामने भी आ चुके हैं।