भारत की नई पेस क्वीन! PAK के होश उड़ाए, स्पीड बढ़ते ही हो जाएगाी और खतरनाक

भारत की नई पेस क्वीन! PAK के होश उड़ाए, स्पीड बढ़ते ही हो जाएगाी और खतरनाक


कोलंबो: पांच महीने से भी कम समय पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाली क्रांति गौड़ तेजी से भारत के तेज गेंदबाजी आक्रमण की अगुआ बन गई हैं और यह युवा तेज गेंदबाज अब और अधिक तेज गति से गेंदबाजी करना चाहती है.

रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ महिला विश्व कप के बेहद अहम मुकाबले में इस तेज गेंदबाज ने 10 ओवर में 20 रन देकर तीन विकेट चटकाए, उन्होंने तीन मेडन ओवर भी फेंके, जिससे 247 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए पाकिस्तान की टीम 88 रन से हार गई.

क्रांति को उनके शनदार प्रदर्शन के लिए उसी मैदान पर पहली बार मैच की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया जहां इस साल मई में उन्होंने राष्ट्रीय टीम की ओर से पदार्पण किया था. क्रांति ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा:

‘मेरा भारत के लिए पदार्पण भी श्रीलंका में हुआ था और आज मैं यहां मैच की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनी हूं. यह मेरे और मेरे परिवार के लिए गर्व का क्षण है. मैं बहुत खुश हूं. अभी गेंदबाजी कोच ने मुझे मेरी गति के बारे में कुछ नहीं कहा है. हमारा ध्यान एक समान लाइन और लेंथ बनाए रखने पर है. काफी कुछ करने की कोशिश नहीं कर रही हूं. मैं इस समय अपनी गति से सहज हूं लेकिन मैं और तेज गति से गेंदबाजी करना चाहती हूं.

सलामी बल्लेबाज सदफ शमस को अपनी ही गेंद पर लपकने के बाद क्रांति ने आलिया रियाज को भी पवेलियन भेजा जिससे पाकिस्तान का स्कोर 26 रन पर तीन विकेट हो गया. क्रांति ने कहा:

गेंद बहुत स्विंग कर रही थी. मुझे अंदर से लग रहा था कि इस ओवर में एक विकेट जरूर मिलेगा. हैरी दी (कप्तान हरमनप्रीत कौर) ने गति कम होने के कारण दूसरी स्लिप हटाने को कहा, लेकिन मैंने कहा कि ‘कृपया दूसरी स्लिप रख लीजिए. आलिया ने इसके बाद दूसरी स्लिप में ही कैच थमाया. कैच दूसरी स्लिप में गया इसलिए मुझे खुद पर बहुत भरोसा था.

क्रांति की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में स्वप्निल शुरुआत रही है. मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के एक कस्बे घुवारा की रहने वाली क्रांति ने अपने दृढ़ संकल्प के साथ खेल जगत में प्रगति की है.

पिछले साल वह महिला प्रीमियर लीग में मुंबई इंडियंस की नेट गेंदबाज थीं. इसके बाद यूपी वॉरियर्स ने नीलामी में उन्हें 10 लाख रुपये के आधार मूल्य पर खरीद लिया.

जब रेणुका ठाकुर और पूजा वस्त्राकर की चोट ने उनके लिए राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के दरवाजे खोल दिए तो क्रांति ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया.

क्रांति ने इंग्लैंड के खिलाफ उसकी सरजमीं पर शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें निर्णायक तीसरे एकदिवसीय मैच में छह विकेट लेना भी शामिल है. वह तब से लगातार बेहतर होती जा रही हैं और टीम में अपनी जगह पक्की कर चुकी हैं.



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