चैंबर के अध्यक्ष पाली के नेतृत्व में सितंबर में वार्षिक साधारण सभा भी हुई थी।
भोपाल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (बीसीसीआई) के अध्यक्ष तेजकुलपाल सिंह पाली के इस्तीफे से राजधानी की व्यापारिक राजनीति गरमाई हुई है। सोमवार को कार्यकारी अध्यक्ष चुना जाना था, लेकिन बैठक में कई पदाधिकारी-सदस्य नहीं पहुंचे। इससे बैठक कैंसिल कर दी गई।
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दूसरी मीटिंग पूरी तरह से गोपनीय रही। इसमें कई पदाधिकारी और सदस्य शामिल हुए, जो इस्तीफे की मंजूरी को नियम विरुद्ध बता रहे हैं। चैंबर के महासचिव आदित्य जैन ‘मान्या’ का कहना है कि आज कोई बैठक नहीं हुई। कार्यकारी अध्यक्ष को लेकर आज निर्णय करना था, लेकिन सभी लोग व्यस्त हैं। कहीं कोई विवाद नहीं है।
एमपी नगर में हुई बैठक इधर, पाली के समर्थन में एमपी नगर की एक होटल में बैठक हुई। इसमें कई पदाधिकारी और कार्यकारिणी सदस्य शामिल हुए। हालांकि, बैठक पूरी तरह से गोपनीय रही।
इस्तीफा देने वाले तेजकुल पाल सिंह पाली और महासचिव आदित्य जैन मान्या।
अचानक पाली ने सौंप दिया था इस्तीफा जानकारी के अनुसार, शुक्रवार देर रात अध्यक्ष पाली ने अचानक अपना इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने महासचिव जैन को लेटर भी लिखा था। इसमें कहा कि 3 साल 9 महीने पहले मैंने पद ग्रहण किया था और तब से अभी तक पूर्ण रूप से अपना कार्य निभाया। आगामी चुनाव की तारीख 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच की घोषणा कर दी।
इस बात को 15 दिन गुजरने के बाद भी किसी भी कार्यकारिणी सदस्य ने चैंबर ऑफिस में उपस्थित होकर आगे की कार्रवाई करने में रुचि नहीं दिखाई। इस पर मैंने निर्णय लिया है कि आगामी चुनाव में मेरे ऊपर कोई दोषारोपण न हो, इसलिए पद से इस्तीफा देता हूं। मेरे 3 साल 9 महीने के कार्यकाल में देख लिया कि कोई भी कार्यकारिणी सदस्य किसी भी कार्य में कोई रुचि नहीं लेता है। महासचिव साहब आपने भी आज तक चैंबर ऑफिस में उपस्थित होकर कोई पत्र व्यवहार नहीं किया।
अगले ही दिन हुई थी बैठक इस्तीफे के अगले ही दिन शनिवार को कोहेफिजा स्थित चैंबर के ऑफिस में बैठक हुई। जिसमें महासचिव जैन ने पाली का इस्तीफा मंजूर कर लिया। हालांकि, मीटिंग में 16 में से 12 पदाधिकारी और सदस्यों ने अध्यक्ष पाली को एक मौका देकर सोमवार को अपना पक्ष रखने का सुझाव दिया, लेकिन उनकी बात को सिरे से खारिज कर दिया गया था।
वहीं, पांच में से सिर्फ एक मनोनीत सदस्य रोहित जैन मौजूद रहे। उन्होंने इस्तीफे की मंजूरी को गलत बताया। उनका कहना था कि जब सभी मनोनीत सदस्य मौजूद ही नहीं है तो किस आधार पर इस्तीफा मंजूर किया जा रहा है? एक अन्य मनोनीत सदस्य हरीश ज्ञानचंदानी ने कहा कि उन्हें मीटिंग शुरू होने से कुछ देर पहले ही कॉल किए। इसलिए सोमवार को मीटिंग रखने का कहा गया था। हम मीटिंग में ही नहीं गए थे।

अध्यक्ष पाली ने यह पत्र लिखा था।
पाली के कार्यकाल में करोड़पति हुआ चैंबर बता दें कि सितंबर में बीसीसीआई की वार्षिक साधारण सभा हुई थी। इसमें अध्यक्ष पाली ने चैंबर की आय-व्यय समेत ऑडिट रिपोर्ट पेश की थी। उन्होंने बताया था कि चैंबर करोड़पति हो गया है। एफडीआर और बचत खाते में 1 करोड़ रुपए से ज्यादा जमा है। दिसंबर में चुनावी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पाली ने साढ़े 3 वर्ष के अपने कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया।
उन्होंने बताया था कि भोपाल चैंबर में उनके कार्यकाल के दौरान अभी तक लगभग 580 नए सदस्य बने। आगामी भोपाल चैंबर के चुनाव को ध्यान में रखते हुए आज की तारीख तक भोपाल चेंबर के पास लगभग 1850 सक्रिय सदस्य हैं। भोपाल चैंबर में 1 करोड़ 3 लाख 48 हजार रुपए आरक्षित है।