शरद पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल को केसरिया दूध का भोग लगाया गया। संध्या आरती के दौरान पुजारियों ने यह विशेष अनुष्ठान संपन्न किया, जिसके साथ ही मंदिर में शरद उत्सव मनाया गया।
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भगवान महाकाल का श्रृंगार करने के बाद, पुजारियों ने चांदी के पात्र में केसरिया दूध अर्पित किया। संध्या आरती के समापन के बाद, पुजारी कक्ष में भगवान का पूजन किया गया और फिर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।
पूर्णिमा की रात चंद्रमा की चांदनी श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य शिखर पर बिखरी हुई थी, जो आकर्षण का केंद्र बनी रही।
परंपरागत रूप से, शरद पूर्णिमा पर मध्य रात्रि में चंद्रमा की कला अपने उच्चतम अंश पर मानी जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की पूर्ण ऊर्जा वनस्पतियों पर पड़ती है, जिससे वे अमृत के समान गुणकारी हो जाती हैं। इस अवसर पर खीर बनाकर चंद्रमा के सामने रखने और फिर उसका सेवन करने का विधान भी है।
भगवान महाकाल का श्रृंगार करने के बाद, पुजारियों ने चांदी के पात्र में केसरिया दूध अर्पित किया।
महाकाल मंदिर में आरतियों के समय में बदलाव
महाकाल मंदिर के पुजारी आशीष शर्मा ने बताया कि भगवान महाकाल की 8 अक्टूबर, बुधवार (कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा) से फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तक श्री महाकालेश्वर भगवान की 3 आरतियों में परिवर्तन होगा। श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्री महाकाल भगवान की होने वाली आरतियों का समय परंपरानुसार परिवर्तित किया जाएगा।
जिसमें-प्रातः होने वाली द्दयोदक आरती सुबह 7:30 से 8:15 तक, भोग आरती प्रातः 10:30 से 11:15 तक और संध्या आरती सायं 6:30 से 07:15 बजे तक होगी।
इसी प्रकार भस्मारती प्रातः 4:00 से 6:00 बजे तक, सायंकालीन पूजन सायं 5:00 से 5:45 तक और शयन आरती रात्रि 10:30 से 11:00 बजे तक अपने निर्धारित समय पर ही होगी।

श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।
मंदिर में दिवाली पर यह पर्व भी मनाए जाएंगे
श्री महाकालेश्वर मंदिर में 18 अक्टूबर 2025 शनिवार के दिन धनतेरस पर्व मनाया जाएगा। जिसमें श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित चिकित्सालय में भगवान श्री धनवंतरी का पूजन किया जाएगा। मंदिर के पुरोहित समिति द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर का अभिषेक पूजन किया जाएगा।
20 अक्टूबर 2025 सोमवार कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को श्री महाकालेश्वर भगवान को अभ्यंग स्नान करवाया जाएगा। इसी दिन से श्री महाकालेश्वर भगवान जी का गर्म जल से स्नान प्रारंभ होगा, जो फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तक चलेगा।20 अक्टूबर 2025 सोमवार को श्री महाकालेश्वर भगवान जी की प्रातः 07:30 बजे होने वाली आरती में श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की ओर से अन्नकूट का भोग लगाया जाएगा।