हरदा में बंगाली समाज ने की कोजागरी लक्ष्मी पूजा: शरद पूर्णिमा पर घरों में रंगोली और पद चिन्ह बनाए, रातभर जागकर महिलाएं करती हैं कीर्तन – Harda News

हरदा में बंगाली समाज ने की कोजागरी लक्ष्मी पूजा:  शरद पूर्णिमा पर घरों में रंगोली और पद चिन्ह बनाए, रातभर जागकर महिलाएं करती हैं कीर्तन – Harda News


हरदा जिले में शरद पूर्णिमा के अवसर पर बंगाली समाज के लोगों ने पारंपरिक तरीके से मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की। इस दौरान धन, सुख और क्षेत्र की समृद्धि की कामना की गई। इस पूजा को ‘कोजागरी लक्ष्मी पूजा’ के नाम से भी जाना जाता है, जिससे दीपावली जैस

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रातभर कीर्तन करती हैं महिलाएं बंगाली समाज के सदस्य रातभर जागकर मां लक्ष्मी के कीर्तन आदि करते हैं। इस अवसर पर सगे-संबंधियों, पड़ोसियों और मित्रों को आमंत्रित कर मां का भोग प्रसाद के रूप में ग्रहण कराया गया। पूजा में व्रती महिलाएं दिनभर उपवास रखती हैं और पुरोहितों द्वारा विधि-विधान व वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा संपन्न कराई जाती है। घरों में मां की प्रतिमा स्थापित की जाती है।

विशेष प्रसाद के रूप में नारियल और तिल के लड्डू, धान का लावा, फल, खीर और खिचड़ी आदि चढ़ाए जाते हैं। बंगाली समुदाय में केले के पौधे के छिलके से नाव बनाकर उसमें पांच तरह के अन्न, फल-फूल डालकर पूजा करने की परंपरा भी है। ऐसा करने से घर में अन्न और धन की कभी कमी नहीं होती। पूजा से पहले घर के आंगन, बरामदे और कमरों में तरह-तरह की रंगोलियां बनाई जाती हैं।

पूर्णिमा को लेकर ये है मान्यता मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात समुद्र मंथन के दौरान देवराज इंद्र ऐरावत पर बैठकर महालक्ष्मी के साथ धरती पर आते हैं। वे पूछते हैं कि कौन जाग रहा है। जो व्यक्ति जाग रहा होता है और उनका स्मरण करता है, उसे ही लक्ष्मी और इंद्र की कृपा प्राप्त होती है। बंगाली समुदाय के विश्वनाथ विश्वास ने बताया कि यह लक्ष्मी पूजा घर में सुख, समृद्धि और धन-संपदा की वृद्धि के लिए की जाती है।

रंगोली में मां के पद चिन्ह बनाए जाते हैं, जो आंगन से मुख्य घर की ओर होते हैं। ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी इन पद चिन्हों पर घर प्रवेश करती हैं और खूब धन बरसाती हैं। शरद पूर्णिमा के अवसर पर चंद्रग्रहण लगने के कारण सभी मंदिरों के पट बंद कर दिए गए थे।



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