Last Updated:
Ranji Trophy: करुण नायर इंग्लैंड दौरे पर फ्लॉप रहे थे। उन्हें पांच में से चार मैचों में हिस्सा लिया. इस दौरान उनके बैट से महज एक अर्धशतक आया. यही वजह है कि अब उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ मौका नहीं दिया गया. नायर अब रणजी की अपनी होम टीम कर्नाटक के लिए वापसी करने जा रहे हैं.
नई दिल्ली. करुण नायर को लंबे वक्त तक टीम इंडिया से बाहर रहने के बाद इंग्लैंड दौरे के दौरान भारतीय टेस्ट टीम में वापसी का मौका मिला. हालांकि इस दौरान वो खास कमाल नहीं दिखा पाए, जिसके बाद चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर और मुख्य कोच गौतम गंभीर ने उन्हें भारत-वेस्टइंडीज टेस्ट सीरीज से बाहर का रास्ता दिखा दिया. भारत के लिए तिहरा शतक लगा चुके नायर ने आठ साल बाद टीम इंडिया में वापसी की थी. भले ही वो भारतीय टेस्ट टीम से बाहर हो गए हों लेकिन उनकी एक और टीम में वापसी हो गई है. हम बात कर रहे हैं रणजी ट्रॉफी सीजन से पहले नायर की कर्नाटक क्रिकेट टीम में वापसी की.
करुण नायर को सौराष्ट्र के खिलाफ 15 अक्टूबर से राजकोट में शुरू होने वाले पहले मैच के लिए कर्नाटक की रणजी ट्रॉफी टीम में शामिल किया गया है. वो रणजी ट्रॉफी के दो सीजन के बाद अपनी स्टेट टीम यानी कर्नाटक में वापसी कर रहे हैं. यह कदम भारत के मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर द्वारा नायर के टेस्ट करियर के दरवाजे बंद करने के कुछ ही हफ्ते बाद आया है.
2016 में ठोका था तिहरा शतक
साल 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ करुण नायर ने भारत की तरफ से खेलते हुए नाबाद 303 रनों की पारी खेली थी. घरेलू क्रिकेट की बात की जाए तो पिछले सीजन में वो विदर्भ में चले गए थे, जहां उन्होंने इस टीम को रणजी ट्रॉफी जिताने में अहम भूमिका निभाई थी. मजबूत घरेलू प्रदर्शन के दम पर ही करुण नायर ने आठ साल के लंबे अंतराल के बाद भारतीय टेस्ट टीम में वापसी की थी.
अगरकर ने टीम से छुट्टी पर क्या कहा?
करुण नायर ने एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के दौरान इंग्लैंड दौरे पर पांच में से चार टेस्ट मैच खेले, जिनमें केवल एक अर्धशतक आया. यही वजह है कि चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में एक और मौका नहीं दिया. नायर पर अगरकर ने कहा था, “हमें इंग्लैंड में करुण नायर से और ज्यादा रनों की उम्मीद थी. यह सिर्फ एक पारी की बात नहीं हो सकती. देवदत्त पडिक्कल हमें ज्यादा विकल्प देते हैं. हम हर खिलाड़ी को कम से कम 15-20 मौके देना चाहते हैं, लेकिन हर बार यह संभव नहीं है.”
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें