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Mohammed Siraj News: मोहम्मद सिराज ने साल 2017 में आईपीएल डेब्यू किया था. अपनी शानदार गेंदबाजी के दम पर उन्हें इसी साल भारत के लिए खेलने का भी मौका मिल गया. सिराज ने उस किस्से के बारे में बताया जब उन्हें कहा गया कि जा जाके अपने बाप के साथ ऑटो चलाओ.
नई दिल्ली. भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज के पिता एक वक्त में ऑटो चलाते थे. बेटे ने कड़ी मेहनत से टीम इंडिया में जगह बनाई और परिवार की गरीबी दूर की. आज भी हैदराबाद के इस घातक तेज गेंदबाज को कई बार गरीबी में घर चलाने के लिए पिता के ऑटो चलाने की वजह से ताने मारे जाते हैं. उन्होंने खुद इसका खुलासा किया. उन्होंने बताया कि आईपीएल मैच के दौरान जब मेरा दिन खराब था तो फैन्स ने मुझे कहा, ‘जा जाके अपने बाप के साथ ऑटो चला.’
‘जा के अपने बाप के साथ ऑटो चलाओ’
मोहम्मद सिराज इंग्लैंड दौरे पर टीम इंडिया के हीरो थे. उन्होंने अपने दर्द का इजहार करते हुए कहा, ‘एक दिन फैन्स कहते हैं कि मेरे जैसा कोई बॉलर ही नहीं है और अगले ही दिन अगर मैं अच्छा प्रदर्शन नहीं करता तो वे कहते हैं जा के अपने बाप के साथ ऑटो चलाओ. इसका क्या मतलब है?” सिराज शुरुआत में इस तरह की चीजों से काफी ज्यादा प्रभावित हुए. उन्होंने बताया कि कैसे लोगों की राय में इस बदलाव ने उन्हें शोरगुल से दूर रहने और केवल उन चीजों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया जो मायने रखती हैं और वो हैं टीम और परिवार.
धोनी ने की मदद
मोहम्मद सिराज ने साल 2017 में आईपीएल में डेब्यू किया था. इसके बाद उसी साल न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज से उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. सिराज ने कहा कि मुझे याद है जब मैं भारतीय टीम में शामिल हुआ था तो एमएस धोनी ने मुझसे कहा था कि किसी की बातों में नहीं आना. जब तू अच्छा करेगा तो पूरी दुनिया तुम्हारे साथ रहेगी और जब खराब करेगा यही दुनिया तुझे गाली देगी. धोनी की यह सलाह सिराज के साथ रही और उनकी मानसिक शक्ति का आधार बन गई. सिराज ने कहा कि तभी मैंने फैसला किया कि मुझे बाहरी प्रशंसा की जरूरत नहीं है. मेरे साथी और परिवार क्या सोचते हैं यही मायने रखता है.”
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें