Agency:एजेंसियां
Last Updated:
Cough Syrup Death: मध्य प्रदेश में कफ सिरप पीने से 15 मासूम बच्चों की जान जा जुकी है. 40 साल पहले मुंबई के जेजे हॉस्पिटल में भी इसी तरह सिरप पीने से 14 मरीजों की मौत हो गई थी. तब आंखों का इलाज कराने आए लोगों का किडनी फेल होने से डॉक्टर हैरान रह गए थे. चलिये जानते हैं वह कहानी…
‘लापरवाही का स्मारक’
इन मौतों को लेकर तब खूब हल्ला मचा था. सरकार ने तत्कालीन जस्टिस बीएस लेंतिन की अध्यक्षता एक जांच आयोग गठित कर दी. इस आयोग ने हादसे को ‘लापरवाही का स्मारक’ कहा था. आयोग ने पाया कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही, दवा नियंत्रण विभाग (FDA) की नाकामी और एक छोटे से री-पैकेजिंग यूनिट के भ्रष्टाचार ने 14 जिंदगियां छीन लीं. आयोग ने सुझाव दिया था कि जेजे हॉस्पिटल जैसे बड़े संस्थान में प्रशासन और चिकित्सा के लिए अलग-अलग डीन होने चाहिए, लेकिन 2022 तक भी प्रशासनिक डीन की कुर्सी खाली रही.
गोली की तरह सीधा अंगों पर वार
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. गिलाड़ा कहते हैं, ‘इतनी मौतों के बाद भी हमने सबक नहीं सीखा. सिरप को पूरे देश में बैन होना चाहिए. हर बच्चे की मौत पर पुलिस जांच, एफआईआर और पोस्टमार्टम में किडनी, लिवर, ब्रेन, पैंक्रियास और फेफड़ों की केमिकल एनालिसिस होनी चाहिए, ताकि डीईजी की पुष्टि हो सके.’ डॉ. गिलाड़ा का मानना है कि अब वक्त आ गया है जब खाद्य प्रशासन और दवा प्रशासन को अलग किया जाए ताकि औद्योगिक केमिकल्स इंसानी दवाओं तक न पहुंच सकें.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T…और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T… और पढ़ें