महाकाल की नगरी में जड़ी-बूटी वाली चमत्कारी ‘खीर’, चखने पहुंची हजारों की भीड़

महाकाल की नगरी में जड़ी-बूटी वाली चमत्कारी ‘खीर’, चखने पहुंची हजारों की भीड़


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Sharad Purnima Kheer Ujjain News: आयुर्वेद चिकित्सक प्रकाश जोशी ने लोकल 18 से बातचीत में कहा कि पिछले 27 साल से दवाई स्वरूप यह खीर प्रसादी लोगों को वितरित की जा रही है. यह इस सेवा का उनका 28वां साल है.

उज्जैन. मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन चमत्कारों से भरी हुई है. यह शहर करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र माना जाता है, इसीलिए शरद पूर्णिमा पर हजारों की संख्या में लोग उज्जैन दर्शन करने नहीं बल्कि अपने रोग दूर करने पहुंचते हैं. इस साल यहां की खीर खाने के लिए प्रदेश भर से हजारों लोग इकट्ठा हुए. इस खीर की खासियत यह है कि इसको खाकर सांस संबंधी बीमारी, एलर्जी सहित शरीर के कई रोगों से निजात मिलती है. इस साल भी शरद पूर्णिमा की रात 12 बजे 16 कलाओं से पूर्ण चंद्रमा की अमृत समान किरणों की रोशनी में बनी खास आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों वाली खीर प्रसादी बांटी गई.

मध्य प्रदेश के उज्जैन, बड़वानी, धार, इंदौर, मक्सी, शाजापुर, देवास सहित कई जिलों के तकरीबन दो हजार पुरुष, महिलाएं, बुजुर्ग इस अमृत समान खीर के प्रसाद को चखने आए. सोमवार रात करीब 8 बजे से उज्जैन में भजन संध्या का आयोजन शुरू हुआ, जो देर रात तक चला.

प्रदेश का सबसे बड़ा आयोजन
खीर रातभर चंद्रमा की चांदनी में रखी गई और 4 बजे ब्रह्म मुहूर्त में पंजीकृत लोगों को लाइन में बिठाकर यह अमृत रूपी खीर वितरित की गई. आयोजन समिति के लोगों ने बताया कि हर साल हजारों लोग इस खीर के लिए आते हैं. दो बड़े बर्तन भरकर दूध से यह खीर प्रसादी तैयार की गई. यह लोगों को बिल्कुल निशुल्क बांटी गई. इस पूरे आयोजन की व्यवस्था करीब 75 डॉक्टरों ने मिलकर संभाली. यह इस तरह का प्रदेश का सबसे बड़ा आयोजन है.

28 साल से जारी है खीर प्रसादी वितरण
आयुर्वेद डॉ प्रकाश जोशी ने लोकल 18 को बताया कि पिछले 27 साल से शरद पूर्णिमा की रात दवाई स्वरूप यह खीर प्रसादी लोगों को बांटी जा रही है. यह उनका 28वां वर्ष है. उन्होंने बताया कि सैकड़ों प्रकार की जड़ी-बूटियों से दवाई बनाई जाती है, जिसे खीर में मिलाकर दिया जाता है. ये जड़ी-बूटियां मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के घने जंगलों से मिलती हैं. प्रत्येक जड़ी-बूटी के लिए तिथि और समय निर्धारित रहता है. दवाई को छांव या रात के अंधेरे में सुखाकर ही बनाते हैं.

एलर्जी की समस्या से मिली राहत
मक्सी से आए शिवया पांडार ने लोकल 18 को बताया कि वह पिछले पांच साल से अमृत समान खीर चखने आ रहे हैं. उन्हें 15 साल से एलर्जी की शिकायत थी, जोकि 80 फीसदी खत्म हो गई है. शुजालपुर से आए राजमल लोकल 18 को बताते हैं कि वह 7 साल से इस खीर के लिए आ रहे हैं. सारंगपुर से आए कृष्णा ने कहा कि उन्हें एलर्जी की समस्या है. वह पहली बार आए हैं. यहां दवाई वाली खीर के बारे में सुना था, इसलिए वह खीर प्रसादी लेने चले आए.

Rahul Singh

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

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