एक ओर शहर के कई इलाकों में लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं, वहीं दूसरी ओर रानी लक्ष्मीबाई वार्ड में बीते दो से तीन महीनों से लाखों गैलन शुद्ध पेयजल नाली में बह रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि नगर निगम प्रशासन और स्थानीय पार्षद, दोनों को ही इस
.
वार्ड निवासी छोटू यादव ने बताया कि यह पानी गंधारी से फिल्टर होने के बाद कजरवाड़ा जाता है और पिछले कई महीनों से लगातार बर्बाद हो रहा है।
निगम की लापरवाही, जनता की परेशानी वार्ड वासियों का कहना है कि पानी की इस बर्बादी की जानकारी वार्ड पार्षद को भी है, लेकिन उनके द्वारा भी स्थायी निराकरण के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया। यह विडंबना ही है कि जहां एक तरफ नगर निगम जल संरक्षण और जल आपूर्ति की बड़ी-बड़ी बातें करता है, वहीं फिल्टर किया हुआ बहुमूल्य पानी सड़कों पर बह रहा है।
जब इस संबंध में निगम के अधिकारियों से बातचीत की गई, तो उनका वही रटारटाया जवाब सामने आया। उन्होंने कहा, हमें अभी जानकारी मिली है, हम इसे ठीक करा देंगे। लेकिन, तीन महीने से चल रहे इस लीकेज ने निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जबलपुर में कई क्षेत्र आज भी पीने के पानी की किल्लत झेल रहे हैं। ऐसे में, रानी लक्ष्मीबाई वार्ड में शुद्ध जल की यह अनवरत बर्बादी नगर निगम की घोर लापरवाही और संवेदनहीनता को दर्शाती है। यह न केवल जल संकट को बढ़ा रहा है, बल्कि लाखों रुपए के राजस्व का भी नुकसान है।