संजू सैमसन का नंबर कब आएगा?: टी-20 में ओपनिंग पोजिशन से हटाया गया, वनडे में युवा जुरेल ने जगह छीनी

संजू सैमसन का नंबर कब आएगा?:  टी-20 में ओपनिंग पोजिशन से हटाया गया, वनडे में युवा जुरेल ने जगह छीनी


स्पोर्ट्स डेस्क2 मिनट पहले

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2015 में भारतीय टीम के लिए डेब्यू करने वाले संजू सैमसन 2023 तक महज 24 टी-20 मैच ही खेल सके थे। आखिरकार 2024 वर्ल्ड कप के बाद उनकी भारतीय टी-20 टीम में जगह पक्की हुई। उन्होंने फिर ओपनिंग करते हुए 5 महीनों में 3 शतक लगा दिए। लगा कि अब संजू भारत के लॉन्ग टर्म ओपनर होंगे। लेकिन, एशिया कप में उन्हें अपनी जगह शुभमन गिल के लिए खाली करनी पड़ गई।

संजू ने मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी की। फाइनल में जब भारतीय टीम 20 रन पर तीन विकेट गंवा चुकी थी तब उन्होंने तिलक वर्मा के साथ 57 रन की पार्टनरशिप लगाई और भारत की मैच में वापसी कराई।

इसके बाद माना जा रहा था कि संजू ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारत की वनडे टीम में भी जगह बना लेंगे। लेकिन, ऐसा हुआ नहीं। मुख्य विकेटकीपर के तौर पर केएल राहुल चुने गए और बैकअप के तौर पर ध्रुव जुरेल टीम में आ गए। संजू बाहर रह गए। ऐसा तब हुआ है जब संजू ने 16 वनडे मैचों में 56 की औसत से रन बनाए हैं। दूसरी ओेर जुरेल ने अभी वनडे में डेब्यू भी नहीं किया है।

संजू एक बार फिर नजरअंदाज हो गए। हालांकि, यह पहला मौका नहीं जब संजू और उनके फैंस का दिल टूटा हो। 10 साल से उनकी कहानी इसी तरह उम्मीद और हार्ट ब्रेक के बीच झूलती रही है। आगे पढ़िए एक दशक से जारी संजू के करियर के उतार-चढाव…

अंडर-19 वर्ल्ड कप से पहचान बनाई

2014 का अंडर-19 वर्ल्ड कप पिछले 15 साल में भारत के लिए सबसे खराब रहा। टीम क्वार्टर फाइनल में ही इंग्लैंड से हारकर बाहर हो गई। इसके बावजूद ICC टूर्नामेंट ने भारत को श्रेयस अय्यर, कुलदीप यादव और संजू सैमसन जैसे भविष्य के सितारे दे दिए।

टूर्नामेंट में युवा सैमसन ने अपनी पावर हिटिंग से सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। उन्होंने निकोलस पूरन के बाद सबसे ज्यादा 12 छक्के लगाए। टॉप-15 रन स्कोरर में उनका स्ट्राइक रेट पूरन के बाद बेस्ट रहा। वे टीम इंडिया के टॉप स्कोरर भी रहे और ग्रुप स्टेज में अकेले दम पर टीम को मैच जिताए।

20 साल की उम्र में डेब्यू कर लिया

अंडर-19 वर्ल्ड कप से पहले ही 2013 में उनकी पावर हिटिंग को देखते हुए राजस्थान रॉयल्स ने IPL के लिए खरीद लिया। शुरुआती 2 सीजन उन्होंने 24 मैच भी खेल लिए, इनमें 22 छक्के और 44 चौके शामिल रहे। अंडर-19 और IPL में बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर सैमसन को 2015 में ही टी-20 डेब्यू का मौका मिल गया। जिम्बाब्वे और श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने 1 मैच खेला, लेकिन 24 गेंद पर 19 रन ही बना सके।

IPL में परफॉर्म किया, लेकिन मौके नहीं

टी-20 डेब्यू के बाद सैमसन को टीम से बाहर कर दिया गया। इंटरनेशनल टीम में मौके नहीं मिले, लेकिन सैमसन ने IPL में राजस्थान और दिल्ली कैपिटल्स से खेलते हुए लगातार परफॉर्म किया। वे अब राजस्थान की कप्तानी करते हैं और 3 शतक लगाकर 4704 रन बना चुके हैं। इस दौरान उन्होंने 219 छक्के भी लगा दिए।

डेब्यू के बाद साढ़े 4 साल इंतजार किया

टी-20 डेब्यू के बाद सैमसन को इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। 2020 में IPL प्रदर्शन के आधार पर स्क्वॉड में शामिल किया जाने लगा, लेकिन सीरीज में 1-2 मैच ही खिलाए गए। 2023 तक सैमसन टीम से अंदर-बाहर होते रहे। उन्हें आयरलैंड, श्रीलंका और वेस्टइंडीज जैसी टीमों के खिलाफ ही मौके मिले।

2022 में आयरलैंड के खिलाफ ही वे एक फिफ्टी लगा सके, लेकिन टीम में जगह पक्की नहीं कर पाए। धोनी के बाद विकेटकीपर पोजिशन पर कभी केएल राहुल तो कभी ऋषभ पंत को मौके दिए, लेकिन कोई भी स्थापित नहीं हो सका।

5 महीने में 3 शतक लगा दिए

2024 के टी-20 वर्ल्ड कप में संजू सैमसन को ऋषभ पंत के साथ विकेटकीपर के रूप में चुना गया। वॉर्म-अप मैच में पंत ने फिफ्टी लगा दी, वहीं सैमसन कुछ खास नहीं कर सके। इसलिए पूरे टूर्नामेंट सैमसन को बेंच पर बैठना पड़ा। पंत को टूर्नामेंट में पूरे मौके मिले, लेकिन वे भी कुछ खास नहीं कर सके।

वर्ल्ड कप के बाद गौतम गंभीर टीम इंडिया के हेड कोच बने। उन्होंने सैमसन को टी-20 टीम में ओपनिंग पोजिशन पर लगातार मौके दिए। संजू ने मौकों को भुनाया और जुलाई से नवंबर के बीच 5 महीने में 3 शतक लगा दिए। उनकी 2 सेंचुरी साउथ अफ्रीका और एक बांग्लादेश के खिलाफ आई।

एशिया कप में पोजिशन बदल दी

एक साल में 3 सेंचुरी और 2 फिफ्टी की मदद से 619 रन बना चुके सैमसन की टी-20 टीम में जगह पक्की हो गई। फिर इस साल सितंबर में एशिया कप हुआ। शुभमन गिल उप कप्तान बने और उन्हें सैमसन की जगह ओपनिंग पोजिशन दे दी गई। सैमसन को मिडिल ऑर्डर में बैटिंग करनी पड़ी।

ACC टूर्नामेंट में पोजिशन बदलने के कारण 3 मैचों में सैमसन की बैटिंग ही नहीं आई। 4 मुकाबलों में उन्होंने 56, 13, 39 और 24 के स्कोर बनाए। फाइनल में सैमसन ने तिलक वर्मा के साथ अहम फिफ्टी पार्टनरशिप कर टीम को मुश्किल परिस्थिति से निकाला। दूसरी ओर शुभमन ओपनिंग के बावजूद कोई फिफ्टी नहीं लगा सके। 47 रन उनका बेस्ट स्कोर रहा। फाइनल में 12 रन ही बना पाए।

ओपनिंग पोजिशन चली जाने के बाद सैमसन के पास मिडिल ऑर्डर में खुद को साबित करने का चैलेंज है। इस पोजिशन पर जितेश शर्मा उनके बैकअप के रूप में बैठे हैं। जो IPL और घरेलू क्रिकेट में फिनिशर की भूमिका ही निभाते हैं। अगर सैमसन 2-3 मुकाबलों में ज्यादा स्कोर नहीं बना पाए तो 3 शतक के बावजूद उन्हें प्लेइंग-11 से बाहर किया जा सकता है।

वनडे स्क्वॉड में शामिल तक नहीं किया गया

टी-20 टीम में पोजिशन चली जाने के बाद माना जा रहा था कि संजू सैमसन को वनडे टीम में चुना जाएगा। केएल राहुल इस फॉर्मेट में मुख्य विकेटकीपर हैं, लेकिन ऋषभ पंत के इंजर्ड होने के बाद सैमसन का नाम आगे आ रहा था। ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टीम अनाउंस हुई तो सैमसन को बस टी-20 टीम में मौका मिला।

वनडे टीम में ध्रुव जुरेल को बैकअप विकेटकीपर के रूप में जगह मिल गई। जुरेल ने टी-20 और टेस्ट डेब्यू तो किया है, लेकिन अब तक वनडे डेब्यू नहीं कर सके। दूसरी ओर सैमसन 16 वनडे में भारत के लिए एक शतक और 3 सेंचुरी लगाकर 510 रन बना चुके हैं।

सैमसन के लिए अब आगे क्या?

30 साल के संजू सैमसन व्हाइट बॉल क्रिकेट में फिलहाल अपने पीक फॉर्म में हैं, लेकिन टी-20 में पोजिशन बदलने के कारण उन्हें मौके कम मिल रहे हैं। दूसरी ओर, वनडे टीम में उन्हें चुना तक नहीं गया। अगर टी-20 में वे अपनी नॉन-फेवरेट पोजिशन पर खुद को साबित नहीं कर सके तो जल्द ही टीम इंडिया से उनका पत्ता पूरी तरह कट जाएगा। उन्हें प्लेइंग-11 में बने रहना है तो फिनिशर की पोजिशन पर लगातार तेज रन बनाने ही होंगे।

अगले साल भारत में ही टी-20 वर्ल्ड कप भी होना है। सैमसन को टीम में चुना जरूर जाएगा, लेकिन क्या उन्हें अपनी ओपनिंग पोजिशन वापस मिलेगी? 2027 में वनडे वर्ल्ड कप है। पंत बैकअप विकेटकीपर की रेस में आगे हैं, लेकिन सैमसन के मुकाबले उनका वनडे प्रदर्शन कमजोर हैं। अगर टीम मैनेजमेंट सैमसन को साइडलाइन करना चाह रही है तो वनडे टीम में उन्हें मौका मिल पाना बेहद मुश्किल है।

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