“हम तो मामा हैं यार…” बोले शिवराज, एमपी में विरोध भूलकर हंस पड़े कांग्रेसी!

“हम तो मामा हैं यार…” बोले शिवराज, एमपी में विरोध भूलकर हंस पड़े कांग्रेसी!


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केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने संसदीय क्षेत्र के बिलकिसगंज पहुंचे, तो किसानों की समस्या को लेकर कांग्रेस नेताओं ने उनकी गाड़ी रोक ली. लेकिन आगे जो हुआ, उसने राजनीति का माहौल बदल दिया.

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एमपी के सीहोर में शिवराज सिंह चौहान ने विरोधी कांग्रेसियों का दिल जीत लिया.

सीहोर. बिलकिसगंज में किसानों की समस्या को लेकर कांग्रेस नेताओं ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की गाड़ी रोक ली. शिवराज अपने चिर-परिचित अंदाज़ में मुस्कुराते हुए गाड़ी से उतरे और बोले- “हम तो मामा हैं यार, जहां कहते, वहां रुकते हैं.” उनके इस जवाब पर नारेबाजी की जगह ठहाके गूंज उठे. कांग्रेस के प्रवक्ता व पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल ने गुलाब का फूल भेंट किया और कहा कि अगर फसल बीमा का समाधान हुआ, तो कांग्रेस खुद उनका अभिनंदन करेगी. शिवराज ने कहा, “मैं सबका मामा हूं, किसानों की हर बात सुनने को तैयार हूं.” यह नज़ारा सियासत से ज़्यादा संवाद का प्रतीक बन गया.

दरअसल, अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर निकले शिवराज जब बिलकिसगंज पहुंचे, तो किसानों की समस्या को लेकर कांग्रेस नेताओं ने उनकी गाड़ी रोक ली. गाड़ी रुकते ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू की. तभी शिवराज मुस्कुराते हुए नीचे उतरे और बोले- “पहले बात कर लो, फिर जितना चाहो नारे लगा लेना… हम तो मामा हैं यार, जहां कहते वहां रुकते हैं, बात करते हैं और सबकी सुनते हैं.” उनकी यह बात सुनकर माहौल बदल गया. कुछ पल पहले जो नारे लग रहे थे, अब वहां ठहाके गूंज रहे थे. कांग्रेस के कार्यकर्ता और शिवराज खुद भी मुस्कुरा उठे.

हर समस्या का समाधान हमारी जिम्मेदारी
वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता और पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल ने उन्हें गुलाब का फूल भेंट कर सम्मान दिया. उन्होंने कहा, “आप हमारे क्षेत्र के सांसद हैं, अगर किसानों को फसल बीमा का लाभ मिला तो कांग्रेस खुद आपका नागरिक अभिनंदन करेगी.” शिवराज ने जवाब में कहा “मैं सबका मामा हूं. किसानों की हर समस्या का समाधान हमारी जिम्मेदारी है. संवाद से ही रास्ता निकलता है.”

“मामा ऑफ इंडिया” की नई छवि, जनता और विपक्ष के लिए दरवाजे खुले
शिवराज का यह अंदाज़ एक बार फिर चर्चा में है. मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद वह अब केंद्रीय कृषि मंत्री के रूप में “मामा ऑफ इंडिया” की नई छवि गढ़ रहे हैं. उनके भाषणों और मुलाकातों में अब टकराव नहीं, संवाद की झलक दिखती है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शिवराज अब खुद को जनसंवाद की राजनीति के राष्ट्रीय चेहरा के रूप में पेश कर रहे हैं- जहां जनता और विपक्ष, दोनों के लिए उनके दरवाज़े खुले हैं. बिलकिसगंज की यह मुलाकात सिर्फ एक राजनीतिक घटना नहीं, बल्कि उस “मामा स्टाइल” की झलक थी, जिसने एक बार फिर जनता के दिल जीत लिए.

Sumit verma

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें

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