हारने का ऑप्शन नहीं.. ऑस्ट्रेलिया टूर से पहले गौतम गंभीर का मास्टर प्लान, चेले ने बताई खूबी

हारने का ऑप्शन नहीं.. ऑस्ट्रेलिया टूर से पहले गौतम गंभीर का मास्टर प्लान, चेले ने बताई खूबी


टीम इंडिया इन दिनों बदलाव से गुजर रही है. ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले कुछ कड़े फैसले किए गए. रोहित की जगह शुभमन गिल को वनडे का कप्तान चुना गया. अब सभी के जहन में सवाल है कि क्या ऑस्ट्रेलिया को भारत उसी के घर में हराने में कामयाब होगा. इस टूर से पहले गौतम गंभीर के एक चेले ने उनकी खूबी बता दी है. उनके साथ केकेआर और अब इंडियन टीम में समय बिताने वाले वरुण चक्रवर्ती ने गंभीर के गेम प्लान को सभी के सामने रख दिया है. 

क्या बोले वरुण?

वरुण ने मंगलवार को मुंबई में CEAT क्रिकेट रेटिंग अवार्ड्स के मौके पर कहा, ‘मैं उनके साथ आईपीएल में काम कर चुका हूँ और हमने वह आईपीएल जीता भी था. इसलिए मेरे लिए यह कोई नई बात नहीं है क्योंकि मैं पहले भी उनके साथ रहा हूं. लेकिन मैं उनके बारे में एक बात ज़रूर कह सकता हूं कि वह टीम में एक स्पार्टन मानसिकता लेकर आते हैं जहाँ हारने का कोई विकल्प नहीं होता. आपको बस अपना सर्वश्रेष्ठ देना होता है और मैदान पर अपना सब कुछ झोंक देना होता है. बाद में जो भी होता है, होता है. लेकिन जब वह टीम में होते हैं तो कोई साधारणता नहीं होती. आप मैदान पर साधारण नहीं हो सकते, मुझे ऐसा लगता है.’

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चक्रवर्ती के लिए मसीहा बने गंभीर

वरुण ने अपनी टीम इंडिया में एंट्री पर कहा, ‘बेशक, जब मैंने फिर से वापसी की तो सूर्या और जीजी ने मुझसे बात की और कहा कि हम आपको भारतीय टीम के लिए विकेट लेने वाले गेंदबाज़ों में से एक के रूप में देख रहे हैं और उन्होंने पूरे समय मेरा साथ दिया. इसके लिए, मैं उन्हें श्रेय देना चाहता हूं. मेरा काम विकेट लेना, स्टंप्स पर लगातार आक्रमण करना है, और कुछ नहीं.’

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कैसे होता है चक्रवर्ती का प्रयोग?

वरुण ने बताया कि उनका इस्तेमाल टीम इंडिया में कैसे होता है. उन्होंने कहा, ‘मुश्किल काम करना, जैसे पावरप्ले में और डेथ ओवरों में एक ओवर और बीच में दो ओवर. मुझे यही भूमिका दी गई है और मैं इसे करने में खुश हूं. अगर आप दुबई की पिचें देखें तो वे मेरे लिए कारगर रहीं. वे थोड़ी धीमी हैं, जिससे मुझे मदद मिलती है. इसके अलावा, मेरा काम स्टंप्स पर लगातार आक्रमण करना और बल्लेबाजों को आक्रामक शॉट लगाने के लिए चुनौती देना था ताकि मैं विकेट ले सकूँ. यही मेरी मूल योजना थी.’



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