सीहोर जिले के भैरूंदा में बुधवार को इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। नर्मदा अस्पताल प्रबंधन पर आरोप है कि इलाज का बकाया भुगतान न होने के कारण एक मृत महिला का शव करीब दो घंटे तक रोके रखा गया। पुलिस के सख्त हस्तक्षेप के बाद ही शव परिजनों
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घटना मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात की है। सनकोटा मार्ग पर सड़क हादसे में 22 वर्षीय फूलवती बाई पति छोटेलाल बारेला गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। उन्हें रात 12 बजे इलाज के लिए नर्मदा अस्पताल भैरूंदा लाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। अस्पताल ने नियमानुसार पुलिस को सूचना दी, लेकिन जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो अस्पताल प्रबंधन ने शव देने से इनकार कर दिया।
सूत्रों के अनुसार, पुलिस को भी डेढ़ घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ा। इसके बाद पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए शव को अपने कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल के मर्चुरी रूम में रखवाया।
पुलिस से भी कहासुनी हुई परिजनों ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन बार-बार इलाज का बकाया भुगतान करने की मांग कर रहा था और स्पष्ट कहा कि जब तक पूरा पैसा नहीं दिया जाएगा, तब तक शव नहीं मिलेगा। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर अमानवीय व्यवहार और गैरकानूनी कार्रवाई का आरोप लगाया।
मामले ने तब और तूल पकड़ा जब अस्पताल और पुलिस के बीच हुई कहासुनी का वीडियो वायरल हो गया। वीडियो में अस्पताल कर्मचारी पुलिसकर्मियों से बहस करते नजर आए। पुलिस का कहना था कि मर्ग कायम किया जा चुका है, इसलिए शव कब्जे में लेकर आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। वहीं, अस्पताल कर्मचारी पुलिस पर आरोप लगा रहे थे कि वे बिना बिल का भुगतान कराए शव ले जा रहे हैं।
इस संबंध में एसआई पूजा सिंह राजपूत ने बताया कि देर रात सूचना मिलने पर पुलिस ने मर्ग कायम किया और शव को अपने अधिपत्य में लेकर सिविल अस्पताल के मर्चुरी रूम में रखवाया गया। बुधवार सुबह पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
सीबीएमओ मनीष सारस्वत ने कहा कि फिलहाल इस मामले में कोई औपचारिक शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। यदि आवेदन आता है, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।