किसान बने अमीर! भिंडी की खेती से रबी सीजन में बढ़ाएं अपनी आमदनी, 45 दिनों में कमाएं लाखों

किसान बने अमीर! भिंडी की खेती से रबी सीजन में बढ़ाएं अपनी आमदनी, 45 दिनों में कमाएं लाखों


Agriculture Tips: खरीफ सीजन खत्म होते ही अब किसान रबी की तैयारी में जुट जाते हैं, लेकिन इस बीच एक ऐसी फसल है, जिसे लगाकर किसान कम समय में अच्छी कमाई कर सकते हैं. यह फसल है भिंडी यानी लेडीफिंगर. भिंडी की खेती न सिर्फ जल्दी तैयार होती है, बल्कि कम लागत में ज्यादा मुनाफा भी देती है. मध्यप्रदेश के कई जिलों के किसान अब पारंपरिक फसलों की जगह इस सब्जी की खेती को प्राथमिकता दे रहे हैं. किसान जयदीप कुशवाहा बताते हैं कि भिंडी की खेती, उन्होंने पिछले दो वर्षों से शुरू की है, और सिर्फ 45 दिनों में फसल तैयार होकर बाजार में बिक जाती है.

भिंडी एक गर्म मौसम की फसल है, जो ज्यादा ठंड या ज्यादा बारिश सहन नहीं कर पाती. यही वजह है कि खरीफ फसल के बाद इसका समय सबसे बेहतर माना जाता है. खेत की तैयारी के लिए पहले गहरी जुताई करें और मिट्टी को भुरभुरा बनाएं. खेत में अच्छी निकासी का इंतजाम होना जरूरी है, ताकि पानी जमा न हो. इसके बाद खेत में गोबर की खाद या जैविक खाद डालकर मिट्टी की उर्वरता बढ़ाई जाती है. किसान जयदीप बताते हैं कि वे रासायनिक खादों की जगह गोबर और जीवामृत का इस्तेमाल करते हैं जिससे मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहती है और फसल की पैदावार भी बढ़ती है.

भिंडी की अच्छी पैदावार के लिए परभणी क्रांति, अरका आनंद, अरका अभय और पुसा सावनी जैसी किस्में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं. इन किस्मों में फलन अधिक होता है और फसल जल्दी तैयार होती है. बीज बोने से पहले उन्हें 12 घंटे तक पानी में भिगो देना चाहिए ताकि अंकुरण बेहतर हो सके. एक हेक्टेयर खेत में लगभग 6 से 8 किलो बीज की जरूरत होती है. बीजों को कतारों में 45 सेमी की दूरी पर बोना चाहिए. पौधों के बीच लगभग 25 सेमी की दूरी रखी जाए तो फसल को पर्याप्त जगह मिलती है बढ़ने के लिए.

भिंडी की फसल में नमी बनाए रखना बहुत जरूरी होता है, इसलिए 5 से 7 दिन के अंतराल में सिंचाई करनी चाहिए. फसल में कीट या रोग लगने से बचाने के लिए नीम का छिड़काव बेहद असरदार रहता है. इससे पौधों पर कीट नहीं लगते और सब्जी सुरक्षित रहती है. किसान जयदीप कहते हैं कि वे हर 15 दिन में नीम घोल का छिड़काव करते हैं जिससे फसल प्राकृतिक रूप से सुरक्षित रहती है और बाजार में भी इसे जैविक भिंडी के नाम से ज्यादा दाम मिलते हैं.

भिंडी की तुड़ाई बीज बोने के लगभग 40 से 45 दिन बाद शुरू हो जाती है. फल छोटे और मुलायम अवस्था में तोड़ने पर बाजार में इनका भाव बेहतर मिलता है. आमतौर पर किसान हर दूसरे दिन तुड़ाई करते हैं. एक हेक्टेयर खेत से लगभग 80 से 100 क्विंटल तक उपज मिल जाती है. अगर बाजार भाव 20 से 25 रुपये प्रति किलो है तो एक हेक्टेयर से किसान को करीब 1.5 से 2 लाख रुपये तक की आमदनी हो सकती है. जबकि लागत करीब 40 से 50 हजार रुपये तक आती है.

भिंडी की खेती में सबसे बड़ी बात यह है कि यह फसल साल में दो से तीन बार भी ली जा सकती है. यानी किसान एक ही खेत से बार-बार मुनाफा कमा सकता है. इसके अलावा भिंडी की मांग हमेशा बनी रहती है, क्योंकि यह एक ऐसी सब्जी है जो हर मौसम में घरों के किचन में जरूर बनती है.

किसान जयदीप कुशवाहा कहते हैं, “पहले हम सिर्फ गेहूं और सोयाबीन जैसी फसलें लेते थे, जिनमें मेहनत ज्यादा और मुनाफा कम था. अब भिंडी की खेती से 45 दिनों में ही अच्छी आमदनी हो जाती है और बाजार की मांग भी लगातार बनी रहती है.” तो अगर आप किसान हैं और जल्दी तैयार होने वाली फसल की तलाश में हैं, तो भिंडी की खेती आपके लिए शानदार विकल्प हो सकती है. सही तकनीक और समय पर देखभाल से यह फसल सिर्फ 45 दिनों में लाखों की कमाई करा सकती है.



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