किसान लाइन में, अफसर चुप! बालाघाट में बैंक की लापरवाही से अन्नदाता बेहाल, टॉयलेट-पानी-पार्किंग का नहीं इंतजाम

किसान लाइन में, अफसर चुप! बालाघाट में बैंक की लापरवाही से अन्नदाता बेहाल, टॉयलेट-पानी-पार्किंग का नहीं इंतजाम


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Balaghat News: बालाघाट में किसानों को बोनस राशि पाने के लिए लंबी कतारों में घंटों खड़ा रहना पड़ रहा है. न बैठने की जगह है, न पीने के लिए पानी और न ही शौचालय की व्यवस्था.

बालाघाट. अन्नदाता जो अपना पेट काटकर दुनिया का पेट भरता है. उसे ही कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. एक तरफ सालों से किसान भाई अपनी फसलों की असल कीमत मांग रहे है, वो तो उन्हें मिल नहीं रही. लेकिन सरकार एहसान कर नाममात्र का बोनस दे रही है. अब उसी बोनस को पाने के लिए किसानों को लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है. वहीं, दूसरी तरफ उनके बैठने के लिए न ही बेहतर व्यवस्था है न ही पीने के लिए पानी की व्यवस्था. ऐसे में अन्नदाता को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. लोकल 18 की टीम भी मौके पर पहुंची और जानने की कोशिश आखिर किसान भाईयों को इतनी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. देखिए और पढ़िए जमीन पर क्या हालात बन रहे हैं.

9 समितियों के लिए एक बैंक
9 समितियां के 45 गांव के हजारों किसान बालाघाट के आजाद नगर में एक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की शहरी शाखा पर ही निर्भर है. ऐसे में अपनी बोनस राशि हो या फसल बिक्री के आने के बाद की आने वाली रकम को निकालने के लिए किसान भाई यहीं पर आते हैं. लेकिन अक्सर वहां पर भारी भीड़ लग जाती है, जिससे किसान भाईयों को कई समस्या का सामना करना पड़ता है.

शहर के मुख्य इलाके में है बैंक
मस्तराम डहारे ने बताया कि बैंक शहर के मुख्य इलाके में है. वहीं, बैंक के पास अपना कोई कैंपस नहीं है. ऐसे में किसानों के वाहन पार्किंग से लेकर बैठने की व्यवस्था नहीं है. आसपास दुकानें हैं. वहां पर अगर किसान भाई दुकानों के आसपास भीड़ बढ़ाते हैं, तो दुकान का काम प्रभावित होता है. ऐसे में ग्रामीण अंचलों से आए किसानों को वह फटकार भी लगाते हैं. पार्किंग न होने से किसान दुकानों के आगे वाहन खड़े करते हैं, ऐसे में वाहन की हवा निकाल लेते हैं.

पीने के लिए पानी नहीं न ही शौचालय की सुविधा
बालाघाट से करीब 20 किलोमीटर दूर से आई सुखवंता बाई ने लोकल 18 को बताया कि वह धान के बोनस मिलने वाला था. उसी पैसों को विड्रॉल करने के लिए सुखंवता बाई आई थी. वह सुबह से पानी के लिए इधर उधर घूमती रही लेकिन उन्हें पानी नहीं मिला. साथ शौचालय की सुविधा न होने से अक्सर उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

काउंटर कम किसान परेशान
विश्रामपुर से आई 75 साल की मैत्रीन बाई भी 11 बजे से आई लेकिन अपनी बारी का इंतजार करती रही लेकिन शाम के 6 बजने आए लेकिन उनका नंबर नहीं आया. इस दौरान वह पीने के पानी सहित दूसरी सुविधाओं के लिए परेशान होती रही. वहीं, भानपुर से आए विनोद हरिनखेड़े ने बताया कि वह सुबह से आए हुए थे. उन्हें घंटे भर बाद ही मैसेज आ गया था. लेकिन शाम तक उन्हें रकम नहीं मिली. उन्होंने बैंक प्रबंधन पर आरोप लगाया था कि वह जान पहचान वालो का काम पहले करते हैं.

जिम्मेदार बोले- जल्द ही कैंपस शिफ्ट होगा
इस मामले में हमने शाखा प्रबंधक आशीष मिश्रा से बातचीत की. उन्होंने बताया कि जल्द ही समस्या का निराकरण किया जाएगा. मामला उनके उच्च अधिकारियों के संज्ञान में है. ऐसे में कैंपस को कहीं और शिफ्ट करने की जाएगी. ऐसे में किसानों को होने वाली हर समस्या का निराकरण भी हो जाएगी. यह पहला मौका नहीं है कि इस बैंक में किसान परेशान नहीं हुए है. अक्सर किसान धान बिक्री के समय में किसान परेशान होते रहे हैं. हर बार किसानों को आश्वासन मिला लेकिन निराकरण अब तक नहीं हो पाया.

Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a…और पढ़ें

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