ग्वालियर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने कहा कि बिजली मीटर में छेड़छाड़ या अनधिकृत उपयोग के मामलों में विद्युत वितरण कंपनी द्वारा की गई धारा 126 के तहत कार्रवाई पूरी तरह वैध है। ऐसे मामलों में विभागीय अधिकारी ऊर्जा हानि का मूल्यांकन कर सकते हैं और इन्हें व
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हाईकोर्ट ने याचिका की खारिज
मामला मीटर से छेड़छाड़ से जुड़ा है। याचिकाकर्ता ने 16 मई 2011 को जारी 36 हजार 348 रुपए के अस्थायी आकलन आदेश को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता का तर्क था कि मीटर से छेड़छाड़ बिजली चोरी की श्रेणी में आती है, इसलिए यह मामला धारा 135 के तहत विशेष न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में आता है। वहीं, कंपनी ने अपनी दलील में कहा कि यह मामला धारा 126 के तहत अनधिकृत उपयोग का है, और चोरी तभी मानी जाएगी जब अभियोजन दर्ज किया जाए।
सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद, हाईकोर्ट ने कंपनी की कार्रवाई को विधि सम्मत माना और याचिका को खारिज कर दिया।