देख रहा है न बिनोद… अब गांव में भी बनेगा पासपोर्ट! फिर सुर्खियों में ‘पंचायत’ का ‘फुलेरा गांव’, जानें माजरा

देख रहा है न बिनोद… अब गांव में भी बनेगा पासपोर्ट! फिर सुर्खियों में ‘पंचायत’ का ‘फुलेरा गांव’, जानें माजरा


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Bhopal News: सिहोह जिले के महोडिया गांव यानी पंचायत वेब सीरीज का फुलेरा गांव फिर सुर्खियों में है. इस बार मामला रील नहीं रीयल लाइफ से जुड़ा है. जानें क्या हुआ…

रिपोर्ट: रमाकांत दुबे

लोकप्रिय वेब सीरीज ‘पंचायत’ का मशहूर फुलेरा गांव एक बार फिर सुर्खियों में है. असल जिंदगी में मध्य प्रदेश के सीहोर जिले का महोडिया गांव बने इस ‘फुलेरा’ को अब विदेश मंत्रालय की अनोखी पहल ने चमका दिया है. ग्रामीणों को शहरों की भागदौड़ से बचाने के लिए पासपोर्ट सेवा मोबाइल वैन गांव पहुंच चुकी है. अब महोडिया के निवासी घर-द्वार पर ही पासपोर्ट बनवा सकेंगे. इस पहल को सीरीज के आइकॉनिक डायलॉग से जोड़कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया है.

पासपोर्ट विभाग ने लिखी ये बात…
विदेश मंत्रालय के पासपोर्ट विभाग ने मंगलवार को अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट साझा की, जिसमें लिखा, “देख रहा है न बिनोद… पासपोर्ट मोबाइल वैन अब गांव वालों के लिए आ चुकी है. हां भैया, अब गांव वालों का पासपोर्ट यहीं से बन जाएगा!” साथ ही एक मजेदार वीडियो क्लिप भी जारी की गई, जिसमें वैन महोडिया की संकरी गलियों में घूमती नजर आ रही है. यह पोस्ट महज कुछ घंटों में हजारों व्यूज पा चुकी है.

कई गांवों में पहुंची मोबाइल वैन
मोबाइल वैन पहल का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पासपोर्ट सेवाओं को सुलभ बनाना है. भोपाल से हरी झंडी दिखाकर रवाना हुई यह वैन पहले ही कई गांवों का दौरा कर चुकी है. महोडिया में ग्रामीणों ने उत्साह से स्वागत किया. सरपंच रामस्वरूप साहू ने बताया, “हमारे गांव के युवा विदेश जाकर कमाई करना चाहते हैं, लेकिन पासपोर्ट के लिए भोपाल-इंदौर की यात्रा मुश्किल होती थी. अब यह सुविधा घर आ गई.” वैन में दस्तावेज सत्यापन, फोटो खींचना और आवेदन भरने की पूरी व्यवस्था है. आवेदक को केवल आधार कार्ड, वोटर आईडी और अन्य जरूरी कागजात लाने होते हैं.

‘पंचायत’ सीरीज के फैंस के बीच यह खबर खासा उत्साह बुनाई है. सीरीज में जितेंद्र कुमार (अभिमन्यु) का किरदार निभाने वाले फैंस कमेंट कर रहे हैं, “फुलेरा अब रियल लाइफ हीरो!” सीहोर जिला प्रशासन ने भी इसकी जानकारी साझा की. वैन का अगला पड़ाव आसपास के अन्य गांव होंगे. यह पहल ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक कदम है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मददगार साबित होगी.

Rishi mishra

एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म…और पढ़ें

एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म… और पढ़ें

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