14 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
6 अक्टूबर को सेबेस्टियन लेकोर्नू ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने 9 सितंबर को ही PM ऑफिस संभाला था। 5 अक्टूबर को उन्होंने अपने मंत्रिमंडल की घोषणा की थी। लगभग 12 घंटे बाद उन्होंने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को इस्तीफा दे दिया।
लेकोर्नू 39 साल के हैं। वे राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के करीबी भी माने जाते हैं। वह 2022 में मैक्रों के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद से 5वें और पिछले साल संसद भंग होने के बाद तीसरे प्रधानमंत्री बने थे। फिलहाल लेकोर्नू के इस्तीफे के पीछे उनके नए कैबिनेट बनाने को लेकर हुई नाराजगी मानी जा रही है।

फ्रांसीसी लोकतंत्र के 236 साल के इतिहास में ये पहली बार हैं जब किसी पीएम ने इतने कम समय (27 दिन) में इस्तीफा दिया हो।
लेकोर्नू को मिलाकर फ्रांस में पिछले 22 महीनों में 5 पीएम अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। इस कारण विपक्ष और आलोचक राष्ट्रपति मैक्रों से उनका इस्तीफा भी मांग रहे हैं।
दरअसल, नई सरकार बनते ही विवाद शुरू हो गए थे। लेकोर्नू ने जो 18 सदस्यीय कैबिनेट बनाई थी, उसमें से 12 मंत्री पुराने प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू की सरकार से ही थे। विवाद तब बढ़ गया जब 7 साल तक मैक्रों के इकोनॉमी मिनिस्टर रह चुके ब्रूनो ले मायेर को रक्षा मंत्री बना दिया गया। इससे विपक्ष और सहयोगी दोनों नाराज हो गए, सबको लगा कि इसमें कोई ‘नया बदलाव’ नहीं है।
सैनिक बनना चाहते थे लेकोर्नू
सेबेस्टियन लेकोर्नू का जन्म 11 जून 1986 में एउबोन फ्रांस में हुआ था। उनके पिता ऐरोनॉटिकल टेक्नीशियन और उनकी माता मेडिकल सेक्रेटरी हैं। उनके दादा द्वितीय विश्व युद्ध में फाइटर थे, जिसकी वजह से लेकोर्नू को बचपन से ही सेना और राजनीति में दिलचस्पी रही। यही वजह है कि वो शरुआती समय में एक सैनिक बनना चाहते थे।
लेकोर्नू ने अपनी स्कूली पढ़ाई एक निजी कैथोलिक स्कूल से की। जिसके बाद उन्होंने अर्थशास्त्र और सामाजिक विज्ञान में बैचलर डिग्री हासिल की। उन्होंने कानून की भी डिग्री ली हैं। उन्होंने पेरिस की पंथियोन-असास यूनिवर्सिटी से सामाजिक कानून में मास्टर्स की डिग्री भी प्राप्त की है।
सबसे कम उम्र के रक्षा मंत्री रह चुके हैं
लेकोर्नू सिर्फ 19 साल की उम्र में संसदीय सहायक बन गए थे। वे वर्नन शहर के मेयर रहने के साथ-साथ 39 साल की उम्र में फ्रांस के सबसे कम उम्र के रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने कड़े आर्थिक फैसलों के लिए नाम कमाया, टैक्स बढ़ाने का विरोध किया, फर्जी वेलफेयर योजनाओं पर कार्रवाई की और कम बच्चों वाले स्कूल बंद किए।
शुरुआत में वे रिपब्लिकन पार्टी में थे, लेकिन 2017 में उन्होंने पार्टी छोड़कर इमैनुएल मैक्रों की सरकार जॉइन कर ली। इसके बाद उन्होंने कई मंत्रालय संभाले।

देश और विदेश में भी सम्मानित किए गए
सेबास्टियन लेकोर्नू को उनके राजनीतिक और सार्वजनिक कामों के लिए फ्रांस और कई विदेशी देशों से सम्मान मिला है। उन्हें फ्रांस में कृषि सेवा, कला, संस्कृति और विदेशी योगदान के लिए कई राष्ट्रीय पुरस्कार दिए गए।

—————————
ऐसी ही और खबरें पढ़ें…
इम्यून सिस्टम क्यों नहीं करता शरीर के अंगों पर हमला: क्या है ‘पेरिफेरल इम्यून टॉलरेंस’ जिसकी खोज के लिए मिला मेडिसिन का नोबेल

6 अक्टूबर को नोबेल कमेटी ने मेडिसिन के नोबेल अवॉर्ड की की घोषणा की। मैरी ई. ब्रंकॉ, फ्रेड रैम्सडेल और शिमोन सकागुची को ‘पेरिफेरल इम्यून टॉलरेंस’ की खोज के लिए इस साल ये अवॉर्ड मिला है। पूरी खबर पढ़ें…