मऊगंज में ड्राइवरों ने जंजीरों में जकड़कर किया प्रदर्शन: जताया गुलामी का विरोध, प्रधानमंत्री के नाम 30 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा – Mauganj News

मऊगंज में ड्राइवरों ने जंजीरों में जकड़कर किया प्रदर्शन:  जताया गुलामी का विरोध, प्रधानमंत्री के नाम 30 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा – Mauganj News


मऊगंज में ड्राइवर वर्ग ने बुधवार को एक अनोखे और सांकेतिक विरोध प्रदर्शन के साथ अपनी आवाज बुलंद की। “ऑल ड्राइवर कल्याण संघ भारत” के बैनर तले सैकड़ों ड्राइवर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम 30 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा।

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प्रदर्शन के जीवंत नाट्य प्रदर्शन ने सबका ध्यान खींचा। ड्राइवरों ने सांकेतिक रूप से अंग्रेजी हुकूमत की झलक पेश की, जिसमें एक ड्राइवर को जंजीरों से जकड़कर पेश किया गया। यह दृश्य शोषण और गुलामी का प्रतीक था, जिसके जरिए संघ ने दर्शाया कि आज भी ड्राइवर वर्ग की स्थिति कितनी उपेक्षित है। इस प्रभावी प्रदर्शन ने प्रशासनिक अधिकारियों और आम जनता को सोचने पर मजबूर कर दिया।

संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि जो ड्राइवर देश की अर्थव्यवस्था को गति देते हैं, आज वही सबसे उपेक्षित वर्ग बन गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया, “हर क्षेत्र में सुधार हुआ, लेकिन ड्राइवरों की दशा आज भी गुलामी जैसी है। सरकार को अब इस वर्ग की समस्याओं पर गंभीरता से काम करना होगा।”

ज्ञापन में शामिल प्रमुख मांगें

  • समान कल्याण बोर्ड: देशभर में ड्राइवरों के लिए एक समान कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए।
  • सुरक्षा, बीमा और भत्ता: ड्यूटी के दौरान सुरक्षा, बीमा और सुनिश्चित भत्ते की गारंटी दी जाए।
  • चुनाव ड्यूटी में सुविधा: चुनाव ड्यूटी में लगाए गए ड्राइवरों को स्थायी भत्ता और सुरक्षा कवच प्रदान किया जाए।
  • सरकारी मुआवज़ा नीति: सड़क हादसों में घायल या दिवंगत ड्राइवरों के परिवारों के लिए सरकारी मुआवज़ा नीति बनाई जाए।
  • विश्राम गृह और मेडिकल सहायता: हर राज्य में ड्राइवरों के लिए विश्राम गृह और मेडिकल सहायता केंद्र स्थापित किए जाएं।

प्रशासन का आश्वासन और आंदोलन की चेतावनी

मऊगंज कलेक्टर कार्यालय में उपस्थित डिप्टी कलेक्टर एपी द्विवेदी ने ड्राइवरों से ज्ञापन प्राप्त किया। उन्होंने संघ को आश्वासन दिया कि ज्ञापन को प्रधानमंत्री कार्यालय तक भेजा जाएगा और संबंधित विभागों को भी उचित सुझाव प्रेषित किए जाएंगे। हालांकि, संघ ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र और प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई तो उनका यह आंदोलन राज्यव्यापी रूप ले लेगा।



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