रबी सीजन की शुरुआत, लगाएं बंपर उत्पादन देने वाली डॉलर चना की ये खास किस्में, 9-10 हजार रुपये प्रति क्विंटल दाम

रबी सीजन की शुरुआत, लगाएं बंपर उत्पादन देने वाली डॉलर चना की ये खास किस्में, 9-10 हजार रुपये प्रति क्विंटल दाम


Last Updated:

Khargone News: खरगोन में चना की खेती को लेकर किसानों में खास उत्साह है, खासकर डॉलर चना की बढ़ती मांग के कारण. 9-10 हजार रुपये प्रति क्विंटल भाव मिलने से किसानों को अधिक लाभ हो रहा है.

खरगोन. खरगोन जिले में इस बार किसानों में चना की फसल को लेकर खास उत्साह देखा जा रहा है, जिले में हर साल करीब डेढ़ लाख हेक्टेयर रकबे में चना की खेती की जाती है. पिछले कुछ वर्षों में किसानों का रुझान विशेष रूप से डॉलर चना (काबुली चना) की ओर बढ़ा है, क्योंकि यह न सिर्फ अच्छी आमदनी देता है, बल्कि बाजार में इसकी मांग भी लगातार बनी रहती है. वर्तमान समय में इसका भाव 9 से 10 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच रहा है, जिससे किसानों को सामान्य चना की तुलना में दोगुना लाभ मिलता है.

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि खरगोन का वातावण एवं मिट्टी चना के लिए अनुकूल है. अगर किसान सही बीज वैरायटी का चयन करें और सही तरीकों से खेती करें, तो उन्हें बंपर उत्पादन मिल सकता है. जिले में कई किसान पारंपरिक वैरायटी लगाते हैं, जिससे उत्पादन और दाने की गुणवत्ता प्रभावित होती है. इसलिए कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे केवल प्रमाणित और उच्च उत्पादकता वाली किस्में ही लगाएं, जिससे फसल मजबूत और रोगमुक्त रहे.

डॉलर चना की प्रमुख किस्में 
कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजीव सिंह ने बताया कि जो किसान इस सीजन में काबुली चना (डॉलर चना) लगाने की योजना बना रहे हैं. उन्हें बीज चयन पर विशेष ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसान RBKG 101, RBSGKG 102, और RBG KG5 जैसी वैरायटी अपनाएं. इन किस्मों में दाने का अच्छा होता है और यह किस्में सूखे तथा बीमारियों के प्रति अधिक सहनशील होती हैं. इसके अलावा इन वैरायटी से मिलने वाला उत्पादन सामान्य देसी चने की तुलना में अधिक होता है.

ये वैरायटी दो गुना बढ़ा देगी साइज 
डॉ. सिंह ने आगे बताया कि एक और बेहतरीन वैरायटी BG 4035 है, जिसे किसान “डबल डॉलर” चना के नाम से जानते हैं. इसका दाना बाकी किस्मों के काबुली चने से लगभग दो गुना बड़ा होता है और यह उच्च गुणवत्ता वाला होता है. इसकी खासियत यह है कि इसमें फली लगने की क्षमता अधिक होती है और फसल की परिपक्वता अवधि लगभग 100 से 110 दिन होती है.

बुआई से पहले करे बीजोपचार
विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों को बुआई का समय, उर्वरक प्रबंधन, और सिंचाई व्यवस्था का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए. बुआई के लिए अक्टूबर के पहले पखवाड़े को सबसे उपयुक्त समय माना गया है. खेत में पहली जुताई के बाद अच्छी तरह से मिट्टी पलटने वाली जुताई करें, ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे. बीज उपचार के लिए कार्बेन्डाजिम या ट्राइकोडर्मा का प्रयोग करने से फफूंद रोगों से बचाव होगा और अंकुरण दर भी बढ़ेगी.

Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a…और पढ़ें

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a… और पढ़ें

homeagriculture

रबी सीजन की शुरुआत, लगाएं बंपर उत्पादन देने वाली डॉलर चना की ये खास किस्में



Source link