शुभमन गिल कप्तान है तो रोहित बनें लीडर, ड्रेसिंग रूम में सचिन बने शर्मा जी

शुभमन गिल कप्तान है तो रोहित बनें लीडर, ड्रेसिंग रूम में सचिन बने शर्मा जी


नई दिल्ली. कई प्रशंसक अभी तक ये हजम नहीं कर पाएं है कि बेहद सफल रोहित शर्मा की वनडे कप्तानी छीन ली जाएगी. शुभमन गिल, गौतम गंभीर और चयनकर्ताओं को गाली देना कोई जवाब नहीं है. शुभमन गिल का करियर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और ऐसे में चयनकर्ता उन पर ज़रूरत से ज़्यादा निवेश कर रहे हैं, या उनके फ़ैसलों के पीछे कोई ठोस योजना है सवाल बड़ा है. सोशल मीडिया पर चल रही बहस, जो पूरी तरह से ध्रुवीकृत है, को छोड़ दें तो ऐसा लगता है कि चयनकर्ता किसी योजना के तहत काम कर रहे हैं. अगर ऐसा नहीं होता, तो वे मई में ही उन्हें वनडे कप्तान बना देते और टेस्ट मैचों का कप्तान घोषित कर देते जो उन्होंने ऐसा नहीं किया.

दरअसल सेलेक्टर्स यह देखना चाहते थे कि टेस्ट कप्तान के रूप में शुभमन गिल का  प्रदर्शन कैसा रहता  है और क्या वे दबाव झेलने में सक्षम हैं. क्या वे इंग्लैंड में मुश्किल परिस्थितियों में रन बना सकते हैं और आत्मविश्वास के साथ टीम का नेतृत्व कर सकते हैं? इंग्लैंड उनकी परीक्षा थी और अब जब उन्होंने इसे अच्छे अंकों से पास कर लिया है, तो चयनकर्ता आगे चलकर गिल को भारत के सभी फ़ॉर्मेट के कप्तान के रूप में लेकर आश्वस्त हैं.

इंग्लैंड दौरे से मिली गिल को हरी झंडी 

तमाम क्रिकेट जानकार ये मान रहे कि कि गिल अभी कप्तान के रूप में पूरी तरह से तैयार नहीं हैं. वैसे ये तो मानना ही पड़ेगा कि कोई भी छह महीने के अंदर बेहतर कप्तान होने का दावा नहीं कर सकता हालाँकि,जानकारों ने कुछ ऐसी चीज़ें देखी हैं जो मुझे बताती हैं कि उनमें लंबे समय तक काम करने और सफलतापूर्वक ऐसा करने की क्षमता है. मैनचेस्टर टेस्ट मैच शायद इसका सबसे अच्छा उदाहरण है. भारत 0-2 से पिछड़ रहा था और सीरीज़ में बने रहने के लिए संघर्ष कर रहा था, ऐसे में दबाव सबसे ज़्यादा था. उस समय सब कुछ चरित्र का था कौशल का नहीं, क्या गिल में दबाव को झेलने और अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता थी? क्या वह मुश्किल से मुश्किल हालात में भी इसका फायदा उठा सकते थे? जवाब था हां,  केएल राहुल के साथ, उन्होंने आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प के साथ बल्लेबाजी की. दबाव में शतक जड़ना इस बात का सबूत था कि गिल तैयार थे. और शायद इसी बात ने चयनकर्ताओं को उन पर अंतिम विश्वास दिलाया.

रोहित को हटाने की वजह 

क्या वे इस फैसले को टालकर रोहित शर्मा को कुछ और समय तक कप्तान बनाए रख सकते थे? रोहित ने कप्तान के तौर पर शानदार काम किया है – इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती. लेकिन सच यह भी है कि रोहित के दो साल और कप्तान बने रहने की क्षमता पर भी संदेह है शायद इसी वजह से यह फैसला लिया गया चयनकर्ता 2027 विश्व कप के करीब नया कप्तान नहीं चाहते थे. वे नेतृत्व में स्थिरता चाहते थे अगर रोहित के कप्तान बने रहने की क्षमता को लेकर निश्चितता होती, तो मुझे नहीं लगता कि यह फैसला लिया जाता.

शुभमन का देना चाहिए साथ 

चयन हमेशा इतना व्यक्तिपरक होता है कि हर फैसले से शायद ही कोई सहमत होगा. हालाँकि आप असहमत हो सकते हैं और बहस कर सकते हैं, लेकिन गाली देने या इरादों पर सवाल उठाने की बिल्कुल भी ज़रूरत नहीं है. किसी भी प्रशंसक या पूर्व क्रिकेटर की तरह अगरकर और गंभीर भी भारतीय क्रिकेट के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हैं, और यह बात लोग अक्सर भूल जाते हैं.गिल नए कप्तान हैं पर रोहित अभी भी एक लीडर हो सकते हैं. चेंज रूम में लीडर बनने के लिए कप्तान होना ज़रूरी नहीं है. सचिन तेंदुलकर इसका सबसे अच्छा उदाहरण हैं अब समय आ गया है कि इस फैसले को स्वीकार किया जाए और आगे बढ़ा जाए और गिल के प्रदर्शन का समर्थन किया जाए.



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