शहर की सुभाष परम कॉलोनी स्थित शिव मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन जारी है। बुधवार को बुंदेलखंड पीठाधीश्वर महंत सीताराम दास महाराज ने प्रथम स्कंध, सुकदेव आगमन और परीक्षित गृह त्याग की कथा का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि महाभारत पढ़ने से घर में क
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महाराज ने कहा कि यह एक भ्रांति है कि जिस घर में महाभारत रखी या पढ़ी जाती है, वहां कलह होने लगता है। सत्यता यह है कि महाभारत पढ़ने से यह ज्ञान होता है कि दुर्योधन और धृतराष्ट्र ने जो किया, वह किसी को अपने भाइयों या परिवार के साथ नहीं करना चाहिए। कौरवों द्वारा द्रौपदी का वस्त्र हरण करने का प्रयास भी किसी मनुष्य को नहीं करना चाहिए।
उन्होंने जोर दिया कि महाभारत पढ़ने वाले को धर्म और अधर्म का सम्यक् ज्ञान हो जाता है। अतः प्रत्येक सनातनी को महाभारत सहित समस्त सनातनी पुराण ग्रंथ अवश्य पढ़ने चाहिए। जिनके पास समय हो, वे सुबह 10 बजे से 11 बजे तक धजरई मंदिर आकर किसी भी ग्रंथ के विषय में उनसे चर्चा कर सकते हैं।
13 अक्टूबर तक चलेगा आयोजन
कथा आयोजक हरिशंकर सोनी ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन 7 से 13 अक्टूबर तक होगा। गुरुवार को ध्रुव प्रहलाद चरित्र, 10 अक्टूबर को समुद्र मंथन, बली वामन संवाद, राम जन्म एवं कृष्ण जन्म की कथाएं होंगी।
11 अक्टूबर को नंदोत्सव, भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाएं एवं गिरिराज पूजन होगा। 12 अक्टूबर को कंस वध और 13 अक्टूबर को रूकमणि विवाह तथा सुदामा चरित्र के साथ भागवत कथा का विश्राम होगा। 14 अक्टूबर को हवन पूजन के साथ दोपहर 3 बजे से भंडारे का आयोजन किया जाएगा।
