Fastest 100 Wickets: क्रिकेट में कई दिलचस्प कहानियां हैं कई लोगों तक पहुंची तो कुछ पुरानी किताबों में दबी रह गईं. हम जो कहानी आज आपको बताने जा रहे हैं उसका कनेक्शन कहीं-न-कहीं क्रिकेट की पहली सुपरहिट मूवी ‘लगान’ कनेक्शन है. उस मूवी में एक ‘कचरा’ गेंदबाज था जिसने अंग्रेजों को रहम की भीख मंगवाने पर मजबूर कर दिया था. भले ये मूवी का ‘कचरा’ काल्पनिक हो लेकिन हम आपको उस रियल लाइफ रिकॉर्डधारी गेंदबाज की कहानी बताने जा रहे हैं जिसे कचरा कहा जाता था.
ग्राउंड्समैन की ड्यूटी
हम जिस अंग्रेजी सिरदर्द गेंदबाज की बात कर रहे हैं उसने ग्राउंड्समैन की ड्यूटी से शुरुआत की थी. उन्हें पिच रोलिंग और मैदान की देखभाल करने का 4 रुपये महीना मिलता था. आजादी से पहले जब छुआछूत के चलते सवर्ण समाज किसी दलित के साथ खाना तो दूर, साथ रखना भी पसंद नहीं करता था. ऐसे में किसी दलित के लिए उस दौर में क्रिकेटर बनना काफी चैलेंजिंग था. लेकिन इस दलित क्रिकेटर की गेंदबाजी में इतना दम था कि फिरंगी भी एक समय फैन हो गए थे.
कैसे हुई क्रिकेट में एंट्री?
अब सवाल है कि जब वह ग्राउंड्समैन का काम करते थे तो उनकी एंट्री क्रिकेट में हुई कैसे. वह साल 1877 था जब क्रिकेट का खुमार ब्रिटिशों पर छाया हुआ था. इसी दौर में एक 6 साल का बच्चा ब्रिटिशों के क्रिकेट को देखकर बड़ा हो रहा था. जब ब्रिटिश गेंद और बल्ले को कूड़ेदान में फेंकते तो वहां से निकालकर अपने भाई के साथ बॉल और बैट के खेल को समझकर खेलता. घर की आर्थिक स्थिति के चलते पढ़ाई छूटी और पहले परासियों के क्रिकेट क्लब में 3 रुपये प्रति महीने और फिर वहां से पूना क्रिकेट क्लब में 4 रुपये महीने पर नौकरी की. पिता कारखाने में काम करते थे. एक ऐसा समय आया जब एक दिन क्लब में कोई बल्लेबाज मिस्टर ट्रॉस को प्रैक्टिस कराने के लिए कोई गेंदबाज नहीं था. उन्होंने 17 साल के पावलंकर बालू को गेंदबाजी करने को कहा. बालू ने 6 गेंदे फेंकी और ट्रॉस उसे छू भी नहीं पाए. दो गेंद पर उन्होंने ट्रॉस को बोल्ड कर दिया था. पूरी इंग्लिश टीम ने उनकी सराहना की और बालू को नेट्स का नियमित गेंदबाज बनाया गया. बालू ने मशहूर ब्रिटिश स्पिन गेंदबाज बार्टन को अपना गुरु बना लिया और उनसे गेंदबाजी के गुर सीखे.
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14 मैच में 14 विकेट का महारिकॉर्ड
पावलंकर बालू को कई बार भेदभाव का सामना करना पड़ा था. लेकिन उन्होंने 33 फर्स्ट क्लास मैचों में अपना लोहा मनवाया. उन्होंने इतने मैचों में 179 विकेट झटके थे. लेकिन पूरे करियर का सबसे ऐतिहासिक पल वो था जब बालू टीम इंडिया के साथ इंग्लैंड टूर पर अपनी गेंदबाजी से डंका बजाया था. साल 1911 में उन्होंने सबसे तेज 100 विकेट लेने का रिकॉर्ड कायम किया था. उन्होंने महज 14 मैच में 114 विकेट झटक दिए थे. भले भारतीय टीम को जीत नहीं मिली थी, लेकिन पावलंकर बालू छा गए थे. अंग्रेजों के लिए उनकी गेंदे छूना भी मुश्किल था. वह बल्ले से भी पीछे नहीं थे उन्होंने 33 फर्स्ट क्लास मैचों में 753 रन भी बनाए थे.