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Coldrif Syrup Death LIVE: Coldrif सिरप से बच्चों की मौत के मामले में बड़ा खुलासा तमिलनाडु ड्रग कंट्रोलर रिपोर्ट में पाया गया कि सिरप नॉन-फार्मा ग्रेड केमिकल से बना था. MP स्वास्थ्य विभाग ने सैंपल को इमरजेंसी मा…और पढ़ें
Coldrif Syrup पर बड़ा खुलासा
Coldrif Syrup Death Case: मध्यप्रदेश में बच्चों की मौतों से जुड़ा ‘Coldrif सिरप केस’ अब और भी खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है. तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यह सिरप फार्मास्यूटिकल ग्रेड केमिकल से नहीं, बल्कि “नॉन-फार्मास्यूटिकल ग्रेड” (औद्योगिक गुणवत्ता वाले) रसायनों से बनाया गया था.
जांच टीम ने बताया कि सिरप बनाने वाली कंपनी ने 100 किलो प्रोपलीन ग्लायकोल खरीदा था लेकिन उसका कोई बिल या रिकॉर्ड नहीं मिला. यह वही रासायनिक तत्व है जिसे सिरप में मिलाने की आशंका जताई जा रही है. विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर यह “इंडस्ट्रियल ग्रेड” प्रोपलीन ग्लायकोल बच्चों की दवा में मिला, तो यह शरीर में गंभीर विषाक्त प्रभाव (toxic effect) डाल सकता है जिससे किडनी, लिवर और ब्रेन फेलियर तक हो सकता है.
एमपी स्वास्थ्य विभाग की बड़ी चूक
इधर मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही भी अब सवालों के घेरे में है. छिंदवाड़ा और बेतूल में बच्चों की मौतों की खबरें लगातार आती रहीं, लेकिन विभाग ने सैंपल कलेक्शन को ‘इमरजेंसी’ नहीं माना.रिपोर्ट के मुताबिक, 29 सितंबर को सैंपल लिए गए और उन्हें “सरकारी रजिस्ट्री पोस्ट” से भोपाल भेजा गया जो तीन दिन में पहुँचे. इस बीच, तमिलनाडु सरकार ने अपनी जांच पूरी कर सिरप पर बैन लगा दिया था.
बाद में एमपी ने भी सिरप किया बैन
तमिलनाडु की रिपोर्ट सामने आने के बाद एमपी सरकार ने भी Coldrif सिरप पर बैन लगाया, लेकिन तब तक कई परिवार अपने बच्चों को खो चुके थे. अब राज्य सरकार ने पूरे प्रकरण की हाई-लेवल जांच के आदेश दिए हैं.
October 8, 2025 08:51 IST
स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला नागपुर पहुंचे, कफ सिरप से पीड़ित बच्चों से ओर उनके परिजनों से मिले
स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने हाल ही में नागपुर का दौरा किया, जहां उन्होंने कफ सिरप से पीड़ित बच्चों और उनके परिजनों से मुलाकात की. अस्पताल में बच्चों के स्वास्थ्य की स्थिति जानने के लिए उन्होंने डॉक्टरों की टीम से विस्तार से चर्चा की. मंत्री ने डॉक्टरों को निर्देश दिए कि बच्चों को सर्वोत्तम इलाज और देखभाल प्रदान की जाए, ताकि वे जल्दी स्वस्थ हो सकें. इस दौरान उन्होंने अस्पताल के इलाज की व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया और आवश्यक सुधारों के लिए सुझाव दिए. मंत्री शुक्ला ने जोर देकर कहा कि बच्चों के उपचार में किसी भी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए और सभी संसाधनों का सही उपयोग किया जाए. उनकी इस दौरे का मुख्य उद्देश्य था कि पीड़ित बच्चों को जल्द से जल्द राहत मिल सके और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके. उनके इस कदम से पीड़ित परिवारों को काफी सहारा मिला और उनके प्रयासों की सराहना की गई.
October 8, 2025 08:47 IST
खंडवा में प्रतिबंधित कफ सिरप मरीजों तक पहुंचा
खंडवा में जब्ती से पहले प्रतिबंधित कफ सिरप मरीजों तक पहुंच चुका है. रेस्पिफ्रेश टीआर सिरप की 16 बॉटल मरीजों द्वारा पी गई हैं. बोरगांव बुजुर्ग में 13 और पंधाना में 3 बॉटल दवा मरीजों द्वारा सेवन की जा चुकी है. आदेश के बाद, दो स्टॉकिस्ट से 183 बॉटल जब्त की गईं और कंपनी को वापस भेज दी गईं. यह सिरप गुजरात की कंपनी का उत्पाद है. कोल्डड्रिफ के अलावा, रेस्पिफ्रेश टीआर सिरप और रिलीफ सिरप को भी प्रतिबंधित किया गया है. जांच में पाया गया कि इनमें तय मात्रा से अधिक डाइएथिलीन ग्लाइकॉल है. खंडवा में अब तक 20 से अधिक मेडिकल स्टोर्स की जांच हो चुकी है.