अटूट रिकॉर्ड: टेस्ट में लगातार 16 घंटे तक बैटिंग करने वाला सूरमा, अंगद की तरह क्रीज पर जमा दिए थे पैर

अटूट रिकॉर्ड: टेस्ट में लगातार 16 घंटे तक बैटिंग करने वाला सूरमा, अंगद की तरह क्रीज पर जमा दिए थे पैर


Unbreakable Record Cricket: टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में अब तक एक से बढ़कर एक अनोखे रिकॉर्ड बने हैं. ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज डॉन ब्रैडमैन से लेकर भारत के महान खिलाड़ी सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर तक ने इतिहास रचे हैं. गावस्कर और सचिन को तो लिटिल मास्टर भी कहा जाता है. दोनों ने टेस्ट मैचों में 10 हजार से ज्यादा रन बनाए. एक समय था जब टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक रन बनाने और दो दशकों से अधिक समय तक सबसे अधिक शतक बनाने का रिकॉर्ड सुनील गावस्कर के नाम था. वह टेस्ट रनों में 10,000 का आंकड़ा छूने वाले पहले बल्लेबाज भी थे.

खतरनाक गेंदबाजों के दौर में भारत का सितारा

इस बात को और जोड़ दें कि गावस्कर दुनिया के सबसे तेज, उछाल भरे विकेटों पर सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों के सामने बिना हेलमेट के खेला, तो वह अपने आप में एक महान खिलाड़ी बन जाते हैं. यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि उस समय खेल थोड़ा ज्यादा ही गेंदबाजों के पक्ष में झुका हुआ था. ऐसे में गावस्कर का इतना शानदार रिकॉर्ड बनाना उनकी महानता को दर्शाता है. 1971 से 1987 के बीच गावस्कर ने भारत के लिए 125 टेस्ट खेले. जब वह रिटायर हुए, तो उन्हें दुनिया का सर्वश्रेष्ठ टेस्ट ओपनर और कई लोगों द्वारा सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाज माना जाता था. समय के साथ उनके रिकॉर्ड टूटे हैं, लेकिन उन्होंने ही सफलता का पैमाना स्थापित किया था.

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सरहद पार गावस्कर जैसा बल्लेबाज

गावस्कर से पहले सरहद पार पाकिस्तान में एक दिग्गज बल्लेबाज था. उस दिग्गज ने अपना अपने ही अंदाज में बनाया था. वह हनीफ मोहम्मद थे. हनीफ ने 55 टेस्ट मैचों में 43.5 के औसत से 3915 रन बनाए और 12 शतक जड़े. उन्होंने 1952 से लेकर 1969 तक पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया. उनके रिकॉर्ड गावस्कर की तरह बड़े नहीं थे, लेकिन शानदार टाइमिंग, गजब के धैर्य और एक खूबसूरत तकनीक के दम पर उनके शॉट देखने योग्य होते थे.

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टेस्ट इतिहास की सबसे लंबी पारी

हनीफ मोहम्मद टेस्ट में 300 का स्कोर बनाने वाले पहले एशियाई बल्लेबाज थे. उन्होंने 1958 में वेस्टइंडीज के खिलाफ यह उपलब्धि हासिल की थी. उनकी 337 रनों की पारी 970 मिनट तक चली थी और यह आज भी टेस्ट क्रिकेट की सबसे लंबी पारी है. हनीफ ने 16 घंटे से ज्यादा तक लगातार बैटिंग की और वेस्टइंडीज की घातक गेंदबाजी का हिम्मत के साथ सामना किया.  पहली पारी मेंपिछड़ने के बाद उनकी इस शानदार पारी ने पाकिस्तान को हार से बचाया था.

हैरान हो गई थी पूरी दुनिया

वेस्टइंडीज ने पहली पारी में 9 विकेट पर 579 रन बनाए थे. इसके बाद पाकिस्तान की टीम पहली पारी में 106 रनों पर ही सिमट गई. इस तरह विंडीज को 473 रनों की बढ़त मिल गई. उसने पाकिस्तान को फॉलोऑन खेलने के लिए बुलाया, लेकिन इस बार सबकुछ पलट गया. पहली पारी में 17 रन पर आउट होने वाले ओपनर हनीफ मोहम्मद ने दूसरी पारी में मोर्चा संभाला. उन्होंने ब्रिजटाउन में इतिहास रच दिया. हनीफ ने तिहरा शतक लगाया. वह ऐसा करने वाले पहले एशियाई बल्लेबाज थे. उन्होंने 970 मिनट बल्लेबाजी की और 337 रन बनाए. इस दौरान हनीफ के बल्ले से 24 चौके निकले थे. पाकिस्तान ने अपनी पारी को 8 विकेट पर 657 रन के स्कोर पर घोषित किया. उसे 184 रनों की लीड मिली और वेस्टइंडीज ने दूसरी पारी में जब बिना विकेट के 24 रन बनाए थे, तो दोनों कप्तान मैच ड्रॉ कराने पर सहमत हो गए. हनीफ की पारी ने वेस्टइंडीज ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को हैरान कर दिया.

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हनीफ का रिकॉर्ड

हनीफ के बाद 1997 तक किसी भी एशियाई बल्लेबाज ने टेस्ट में 300 का आंकड़ा पार नहीं किया. सनथ जयसूर्या ने तब भारतीय टीम के लिए तिहरा शतक लगाया था. भारत के पहले तिहरे शतकवीर वीरेंद्र सहवाग थे, जिन्होंने 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ यह कारनामा किया था. हनीफ के 970 मिनट तक लगातार बैटिंग का टूटना निकट भविष्य में मुश्किल लग रहा है.

 



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