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Satna News: आर्टिफिशियल गजरे के दाम 30-50 रुपये तक हैं जबकि असली गजरे 50 से 100 रुपये तक की कीमत पर मिल रहे हैं. त्योहार को देखते हुए फूल व्यापारी सुबह 5 बजे से लेकर देर रात तक अपनी दुकानें खोल रहे हैं.
सतना. करवाचौथ (Karwa Chauth 2025) जैसे खास अवसर पर सजने-संवरने की परंपरा महिलाओं के लिए बेहद मायने रखती है. सुहागिनें जहां नए कपड़े और गहनों की खरीदारी करती हैं, वहीं इस त्योहार की सबसे खास पहचान गजरे भी बन गए हैं. इस बार मध्य प्रदेश के सतना के बाजारों में गजरे की ऐसी धूम मची है कि सुबह से देर रात तक फूलों की दुकानों पर रौनक दिखाई दे रही है. गुलाब और चमेली की महक से सजे गजरे हर किसी को आकर्षित कर रहे हैं और त्योहार की खुशबू पूरे शहर में फैली हुई है.
सतना के बस स्टैंड, सिविल लाइन और पन्नीलाल चौक जैसे इलाकों में आर्टिफिशियल और ओरिजनल दोनों तरह के गजरे बिक रहे हैं. आर्टिफिशियल गजरे की कीमत 30-50 रुपये तक है जबकि ओरिजनल गजरे 50 से 100 रुपये तक मिल रहे हैं. त्योहार को देखते हुए दुकानदार सुबह 5 बजे से लेकर देर रात तक अपनी दुकानें खोलकर ग्राहकों की जरूरतें पूरी कर रहे हैं.
महिलाओं की पहली पसंद बना गजरा
लोकल 18 से बातचीत में फूल व्यापारी प्रेमलाल माली ने बताया कि इस बार करवाचौथ पर शादीशुदा महिलाओं की सबसे ज्यादा खरीदारी गजरे की हो रही है. हालांकि गुलाब और मालाओं की बिक्री भी अच्छी चल रही है लेकिन गजरे की मांग सबसे ज्यादा है. महिलाएं खासतौर पर बालों और गर्दन में पहनने वाले गजरों को पसंद कर रही हैं. इससे न सिर्फ उनका श्रृंगार पूरा होता है बल्कि त्योहार का पारंपरिक रंग भी गहरा हो जाता है.
गौरतलब है कि यह त्योहार जहां चांद के दीदार और सुहागिनों की परंपरा से जुड़ा है, वहीं गजरे की खुशबू और रौनक ने सतना के बाजारों को इस बार और भी खास बना दिया है.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.