Pakistan Cricket Corruption History: पाकिस्तान क्रिकेट और विवादों का गहरा रिश्ता रहा है. हनीफ मोहम्मद, जहीर अब्बास, जावेद मियांदाद और इमरान खान जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के लिए मशहूर यह देश अचानक से 90 के दशक में बड़े-बड़े विवादों में फंस गया. वहां के खिलाड़ी पैसों की खातिर अपने ईमान को बेचने लगे और खुलकर मैच फिक्सिंग में शामिल हुए. पाकिस्तान क्रिकेट के इतिहास पर मैच फिक्सिंग और भ्रष्टाचार का साया रहा है. 1990 के दशक की न्यायिक जांच से लेकर 2010 के कुख्यात स्पॉट फिक्सिंग कांड तक ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया. हम ऐसे 10 पाकिस्तानी क्रिकेटर के बारे में आपको यहां बता रहे हैं जो मैच फिक्सिंग या भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों में लिप्त रहे हैं.
सलीम मलिक
पूर्व पाकिस्तानी कप्तान सलीम मलिक दुनिया के पहले क्रिकेटर थे जिन पर मैच फिक्सिंग के लिए आजीवन प्रतिबंध लगाया गया था. 2000 में जस्टिस कय्यूम रिपोर्ट ने उन्हें 1990 के दशक के मध्य में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों शेन वार्न और मार्क वॉ को मैच हारने के लिए रिश्वत की पेशकश करने का दोषी पाया. 2000 में उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया. 2008 में लाहौर की एक सिविल कोर्ट ने प्रतिबंध को रद्द कर दिया, लेकिन वे प्रमुख क्रिकेट भूमिकाओं से दूर रहे.
अता उर रहमान
गेंदबाज अता उर रहमान रहमान को भी 1990 के दशक में न्यायमूर्ति कय्यूम के नेतृत्व में हुई मैच फिक्सिंग जांच में सट्टेबाजों के साथ लेन-देन और झूठी गवाही देने का दोषी पाया गया था. 2000 में उन पर आजीवन प्रतिबंध लगाया गया, जिसे बाद में 2006 में हटा लिया गया.
दानिश कनेरिया
लेग स्पिनर दानिश कनेरिया को 2009 के एक इंग्लिश काउंटी मैच से जुड़े भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया था. इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने पाया कि उन्होंने अपने साथी खिलाड़ी मर्विन वेस्टफील्ड पर स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने का दबाव डाला था. 2012 में ईसीबी ने उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया. आखिरकार उन्होंने 2018 में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली.
सलमान बट
पाकिस्तान के पूर्व टेस्ट कप्तान सलमान बट फिक्सिंग मामलों में फंसने वाले खिलाड़ियों में बड़े नाम हैं. वह 2010 में पाकिस्तान के इंग्लैंड दौरे के दौरान हुए स्पॉट फिक्सिंग कांड के मास्टरमाइंड थे. आईसीसी ने उन पर 10 साल (पांच साल निलंबित) का प्रतिबंध लगाया. उन्हें ब्रिटेन की जेल में 30 महीने की सजा भी सुनाई गई.
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मोहम्मद आसिफ
एक समय मोहम्मद आसिफ की तुलना महान ऑस्ट्रेलियाई बॉलर ग्लेन मैक्ग्रा से होती थी. 2020 स्पॉट फिक्सिंग कांट में सलमान बट के साथ आसिफ भी शामिल थे. लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान उन्होंने जानबूझकर नो-बॉल फेंकी थी. उन्होंने पूरी दुनिया में क्रिकेट को कलंकित किया. इसके बाद आईसीसी ने उन पर 7 साल (दो साल निलंबित) का प्रतिबंध लगाया और उन्होंने ब्रिटेन में 12 महीने की जेल की सजा काटी.
मोहम्मद आमिर
युवा और प्रतिभाशाली तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर इंग्लैंड दौरे पर सलमान बट और मोहम्मद आसिफ की बातों में फंस गए. वह नए थे और पैसों के लालच में आ गए. आमिर को कप्तान बट ने कुछ खास नो-बॉल फेंकने का निर्देश दिया था. उनकी उम्र और कम संलिप्तता को देखते हुए उनकी सजा तीनों में सबसे हल्की थी. आईसीसी ने उन्हें 5 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया. उन्होंने युवा अपराधियों के एक संस्थान में छह महीने की सजा भी काटी. प्रतिबंध के बाद आमिर ने इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी की और पाकिस्तान के लिए बड़े टूर्नामेंट में भी खेलें.
शरजील खान
ओपनर बल्लेबाज शरजील खान 2017 पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) स्पॉट फिक्सिंग कांड में फंस गए थे. उन्हें पीसीबी की भ्रष्टाचार निरोधक संहिता की पांच धाराओं के उल्लंघन का दोषी पाया गया. इसमें स्पॉट फिक्सिंग का प्रस्ताव स्वीकार करना भी शामिल था. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड द्वारा उन्हें 5 साल के लिए प्रतिबंधित किया गया था.
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खालिद लतीफ
2017 PSL कांड में शरजील खान के साथी खिलाड़ी खालिद लतीफ को और भी व्यापक अपराधों का दोषी पाया गया. इसमें अन्य खिलाड़ियों को इसमें शामिल होने के लिए मनाना और जानकारी छिपाने का प्रयास करना शामिल था. उन्हें पीसीबी द्वारा 5 साल के लिए प्रतिबंधित किया गया था. इसके अलावा उनके ऊपर 1 मिलियन पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना लगाया गया था.
नासिर जमशेद
2017 पीएसएल घोटाले में नासिर जमशेद भी शामिल थे. वह सट्टेबाजों और खिलाड़ियों के बीच संपर्क सूत्र का काम करके स्पॉट फिक्सिंग को अंजाम देने में एक प्रमुख व्यक्ति थे. पीसीबी ने 10 साल के लिए प्रतिबंधित किया और बाद में रिश्वतखोरी के अपराध में ब्रिटेन में 17 महीने की जेल की सजा सुनाई.
मोहम्मद इरफान
लंबे कद के तेज गेंदबाज मोहम्मद इरफान पर 2017 पीएसएल जांच के दौरान एक सट्टेबाज द्वारा भ्रष्ट आचरण में शामिल होने के लिए किए गए संपर्क की रिपोर्ट न करने के लिए जुर्माना लगाया गया था. पीसीबी ने उन्हें 1 साल के लिए प्रतिबंधित किया और 10 लाख पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना लगाया.