दुनिया में पहली बार राजधानी से हुई रेसीप्रोकल सर्जरी: डॉक्टर और मरीज दोनों अलग-अलग शहर में, फिर भी रोबोट के जरिए हो गई सर्जरी – Bhopal News

दुनिया में पहली बार राजधानी से हुई रेसीप्रोकल सर्जरी:  डॉक्टर और मरीज दोनों अलग-अलग शहर में, फिर भी रोबोट के जरिए हो गई सर्जरी – Bhopal News


भोपाल के डॉक्टरों ने की आगरा में मरीज की सर्जरी।

दुनिया की मेडिकल साइंस में एक नया अध्याय जुड़ गया है। भोपाल में बैठी डॉक्टर ने आगरा में मौजूद मरीज की सर्जरी कर दिखाई। वो भी बिना अस्पताल गए। इसी दिन आगरा में बैठे डॉक्टर ने भोपाल के अस्पताल में भर्ती मरीज की सर्जरी की। यह कोई साइंस फिक्शन नहीं, बल्क

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इस ऑपरेशन में प्रजनन एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रिया भावे चित्तावार ने टेली रोबोटिक तकनीक के जरिए 440 किलोमीटर दूर आगरा में एक महिला की हिस्ट्रैक्टोमी (बच्चेदानी निकालने की सर्जरी) की।

सर्जरी के दौरान डॉक्टर भोपाल में थीं और मरीज आगरा के अस्पताल में था। लेकिन रोबोटिक तकनीक के जरिए दोनों ऐसे जुड़े जैसे एक ही ऑपरेशन थिएटर में हों। यह उपलब्धि न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिकित्सा क्षेत्र में एक टेक्नोलॉजिकल रिवोल्यूशन मानी जा रही है। इससे मरीजों को बड़े शहरों में जाकर इलाज कराने की जरूरत नहीं रहेगी। उन्हें अपने ही शहर में बड़े अस्पतालों के डॉक्टरों से सर्जरी कराने की सुविधा मिल सकेगी। खास बात यह है कि इस तरह की सर्जरी के लिए सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) से अनुमति पत्र लेना होता है उसके बाद ही दो अस्पताल के डॉक्टर एक-दूसरे के यहां टेली सर्जरी करने के लिए लीगली स्वीकृत होते हैं।

गुरुवार को कॉन्फ्रेंस में डॉ. प्रिया भावे चित्तावर ने रेसीप्रोकल सर्जरी की जानकारी दी।

गुरुवार को कॉन्फ्रेंस में डॉ. प्रिया भावे चित्तावर ने रेसीप्रोकल सर्जरी की जानकारी दी।

रोबोटिक सिस्टम से हुआ ऑपरेशन

  • यह प्रक्रिया रोबोटिक सिस्टम के जरिए की गई।
  • आगरा और भोपाल दोनों अस्पतालों में यह सिस्टम मौजूद था।
  • एक विशेष P2P (पीयर टू पीयर) कनेक्शन से जोड़ा गया।
  • इसमें इंटरनेट स्पीड हमेशा एक समान रहती है।
  • भोपाल में मौजूद रोबोटिक सिस्टम को जो कमांड दी जाती है, उसके आधार पर आगरा में मौजूद रोबोटिक सिस्टम हरकत करता है।
  • दो सर्जरी की गईं-एक सर्जरी भोपाल की डॉक्टर ने आगरा में भर्ती मरीज की और दूसरी आगरा के डॉक्टर ने भोपाल में भर्ती मरीज की।
सर्जरी के दौरान भोपाल के डॉक्टरों की टीम।

सर्जरी के दौरान भोपाल के डॉक्टरों की टीम।

एक्सपर्ट अब एक शहर तक नहीं रहेंगे सीमित डॉ. चित्तावार ने बताया कि यह तकनीक स्वास्थ्य उपचार में एक नए अध्याय की शुरुआत है। इससे विशेषज्ञ सर्जरी सेवाएं अब किसी एक शहर तक सीमित नहीं रहेंगी। उन्होंने कहा, “टेली रोबोटिक सर्जरी से हम दूरी की सीमाएं खत्म कर रहे हैं। इससे छोटे शहरों या ग्रामीण इलाकों की महिलाएं भी बड़े विशेषज्ञों से सुरक्षित और सटीक इलाज पा सकेंगी।”

इस तकनीक में रोबोटिक आर्म्स और रियल-टाइम कम्युनिकेशन सिस्टम का उपयोग किया गया। इससे सर्जरी अत्यधिक सटीकता के साथ होती है और गलती की संभावना लगभग शून्य रहती है। पारंपरिक ऑपरेशन की तुलना में मरीज को कम रक्तस्राव, कम दर्द और जल्दी रिकवरी का फायदा मिलता है।

सफल सर्जरी होने के बाद खुशी जाहिर करती भोपाल टीम।

सफल सर्जरी होने के बाद खुशी जाहिर करती भोपाल टीम।

टेली रोबोटिक सर्जरी क्या है

  • जब सर्जन ऑपरेशन थिएटर में मौजूद न हो, तो वह लो-लेटेंसी कनेक्टिविटी (फाइबर, 5G या समर्पित नेटवर्क) के माध्यम से कंसोल से रोबोटिक आर्म्स को नियंत्रित करता है।
  • 3D हाई-डेफिनिशन विजन और फाइन मूवमेंट के कारण सूक्ष्म कट, कम खून बहाव और बेहतर टिश्यू प्रिजर्वेशन संभव होता है।
  • छोटे चीरे और कम ट्रॉमा से दर्द कम होता है, अस्पताल में रहने की अवधि घटती है और मरीज जल्दी ठीक होता है।
  • इस तकनीक से छोटे शहरों या जिलों में बैठे मरीजों को मेट्रो-लेवल विशेषज्ञता मिल सकती है — जिससे यात्रा, खर्च और देरी तीनों घटते हैं।
  • यह मोबाइल यूनिट स्वयं एक ट्रेनिंग प्लेटफॉर्म भी है, जिससे डॉक्टरों को सिस्टम अपनाने में कम समय लगता है।

टेली रोबोटिक सर्जरी के फायदे

  • अत्यधिक सटीकता: रोबोटिक आर्म्स की मदद से बारीकी और स्थिरता के साथ सर्जरी।
  • कम रक्तस्राव और तेज रिकवरी: मरीज जल्दी ठीक होता है, अस्पताल में रुकने का समय घटता है।
  • समय की बचत: सर्जरी कम समय में पूरी होती है।
  • विशेषज्ञ तक दूर से पहुंच: ग्रामीण या छोटे शहरों के मरीजों को विशेषज्ञ उपचार का अवसर।
  • कम संसाधनों में बेहतर इलाज: छोटे अस्पताल भी बड़े केंद्रों से जुड़ सकते हैं।

सुरक्षा, कनेक्टिविटी और प्रोटोकॉल टेली रोबोटिक सर्जरी के लिए अस्पतालों को स्थिर और सुरक्षित नेटवर्क, पावर बैकअप और क्लिनिकल प्रोटोकॉल की आवश्यकता होती है।मरीज चयन, एनेस्थीसिया रेडीनेस, रोबोटिक सिस्टम की प्री-चेकलिस्ट और जटिल मामलों में हाइब्रिड या कन्वर्जन बैकअप जैसी तैयारियां अनिवार्य होती हैं। टीम के अनुसार, इन सभी मानकों का पालन कर मरीज की सुरक्षा सर्वोपरि रखी जाती है।

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