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Sagar News: मध्य प्रदेश के सागर जिले में जंगल की खुदाई के दौरान एक रहस्यमयी बावड़ी मिली है, जिसके पानी को लोग चमत्कारी मान रहे हैं. कई लोगों का दावा है कि इस पानी से नहाने और पीने से चर्म रोग और सूजन जैसे रोगों में राहत मिली है.
सागर. बुंदेलखंड के सागर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां जंगल में खुदाई के दौरान एक रहस्यमई बावड़ी मिली और इस बावड़ी से निकलने वाले पानी को लोग चमत्कारी मान रहे हैं. इस पानी के पीने, नहाने से रोगों के दूर होने का दावा भी कर रहे हैं. कई लोग बोतलों में भरकर ऐसे अपने घर ले जा रहे. पिछले कुछ दिनों से यहां पर एमपी, यूपी के लोग पहुंच रहे हैं. यहां पर सुबह 5:00 से ही लोगों की भीड़ पहुंच कर स्नान करने में लग जाती है. अब तो आसपास के गांव वालों ने यहां पर नारियल प्रसाद की दुकाने भी खोल ली है. लोग पूजन अर्चन भी करने लगे हैं. हालांकि यह क्षेत्र वन विभाग की सीमा में आता है, जिसके चलते बनकर्मियों ने इन दुकानों को जंगल से हटवा दिया है.
दरअसल, यह मामला मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की बॉर्डर पर स्थित सागर जिले की नोनिया गांव का है, जो जंगल और पहाड़ से लगा हुआ है. कुछ दिन पहले यहां पर एक गमी (मौत) हो गई थी. अंतिम संस्कार करने के बाद एक व्यक्ति घर पर नहाने की बजाय श्मशान घाट के पास से निकले नरवा में नहाने के लिए गए. लेकिन वहां गांव के कुछ और लोग थे वह आगे बड़े तो एक गढ्ढा था, जिसमें पानी भरा हुआ था. उन्होंने उसी में हाथ पैर धोए और ऐसे ही नहा लिया. 2 दिन बाद पहलवान पटेल को समझ आया कि अचानक उनके हाथ पैर में जो फोड़ा फुंसी थे वह कुछ ठीक हुए हैं, तो वह दोबारा उसी जगह पर गए. वहां पर उन्होंने फिर नहाया और दो-तीन बार ऐसा किया, तो पूरी तरह से उनका चर्म रोग ठीक हो गया. उन्होंने गांव के लोगों को भी यह बात बताई, तो इन्हीं के गांव के एक रोहित नाम के लड़के की आंख सूजी हुई थी. वह भी ऐसे आजमाने के लिए पहुंच ग. वह अच्छे से चेहरा धोकर लौटे, तो उन्हें भी कुछ आराम महसूस हुआ.
पहलवान पटेल ने बताया कि नवरात्रि के समय फिर जब एक कन्या को माता के भाव आए जिसने बताया कि जंगल खुदाई करो, वहां पर मेरी मूर्ति दबी हुई है. अब हम लोग खुदाई करने के लिए माता की बताएं स्थान पर आए, तो यहां पहले पत्थर निकला फिर हम लोगों ने खुदाई की तो सीढ़ियां मिली फिर गांव के लोगों को बुलाया सभी ने मिलकर खुदाई शुरू की, तो यहां 10 12 सीढ़ी बाली छोटी बावड़ी मिली है. इस तरह करीब 15 फीट गहरी पुरानी, बावड़ी जिसमें पुरानी लंबी वाली ईंटों से जुड़ाई हैं, पत्थर से सीढ़ियां बनी है और इसमें पानी निकलने लगा अब यह बावड़ी पूरी तरह लबालब भरी हुई है. कई लोगों का कहना है कि इस जल से स्नान करने की बात उन्हें अलग-अलग रोग में आराम मिल रहा है.
Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a…और पढ़ें
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