विदिशा मेडिकल कॉलेज में भूकंप और आगजनी की मॉक ड्रिल: NDRF-SDERF टीमों ने मलबे और आग से फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने का अभ्यास किया – Vidisha News

विदिशा मेडिकल कॉलेज में भूकंप और आगजनी की मॉक ड्रिल:  NDRF-SDERF टीमों ने मलबे और आग से फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने का अभ्यास किया – Vidisha News


विदिशा में कलेक्टर अंशुल गुप्ता के निर्देश पर मेडिकल कॉलेज में भूकंप और आगजनी की संयुक्त मॉक ड्रिल का आयोजन गुरुवार को किया गया। इसका उद्देश्य वास्तविक आपदा जैसी स्थिति में सभी विभागों के बीच तालमेल और राहत-बचाव कार्यों की त्वरित तैयारी को परखना था।

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इस मॉक ड्रिल में 11वीं राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की भोपाल टीम, SDERF विदिशा, होमगार्ड और नगर पालिका की फायर टीम ने भाग लिया। जॉइंट कलेक्टर अनुभा जैन भी इस दौरान मौजूद रहीं।

अभ्यास के दौरान, भूकंप से मेडिकल कॉलेज की इमारत का एक हिस्सा ढहने और कई लोगों के मलबे में फंसने का दृश्य बनाया गया। सूचना मिलते ही SDERF और होमगार्ड की टीमों ने बचाव कार्य शुरू किया। स्थिति बिगड़ने पर जिला प्रशासन ने NDRF टीम को सक्रिय किया, जिसने मौके पर पहुंचकर ऑपरेशन बेस और मेडिकल पोस्ट स्थापित किए।

NDRF टीम ने लाइन सर्च, रोप रेस्क्यू और विक्टिम लोकेटिंग कैमरा जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का प्रदर्शन किया। इसी बीच, भूकंप के बाद शॉर्ट सर्किट से मेडिकल कॉलेज के आईसीयू वार्ड में आग लगने की स्थिति उत्पन्न हुई।

डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट मयंक जैन और प्लाटून कमांडर रश्मि दुबे के नेतृत्व में SDERF और नगर पालिका की फायर टीमों ने फायर सूट, फायर एक्सटिंग्युशर और रोप रेस्क्यू तकनीक का इस्तेमाल कर मरीजों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभ्यास किया।

इस मॉक ड्रिल में स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, पीडब्ल्यूडी और मेडिकल कॉलेज प्रशासन सहित विभिन्न संस्थाओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई। मौके पर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मनीष निगम, डॉ. नरेंद्र पटेल, अन्य अधिकारीगण, छात्र-छात्राएं और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे। मॉक ड्रिल में सभी टीमों के समन्वय और तत्परता की सराहना की गई। अधिकारियों ने बताया कि इस तरह के अभ्यास न केवल प्रशासनिक तैयारी को मजबूत करते हैं, बल्कि जनता में आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूकता भी बढ़ाते हैं।



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