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Karwa Chauth 2025: करवा चौथ पर राजपुताना पोशाक, काठियावाड़ी साड़ी और डोला सिल्क की मांग बढ़ी है. महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और चंद्र देव, शिव-पार्वती, गणेश जी की पूजा करती हैं.
Indore News: करवा चौथ पति पत्नी के बीच प्रेम, अटूट समर्पण और विश्वास का प्रतीक है. इस त्योहार से ठीक पहले मार्केट में भीड़ देखने को मिल रही है. महिलाओं के बीच इस बार खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. इस बार महिलाओं के लिए खास तरह से तैयार की गई साड़ियां देखने को मिल रही हैं. अगर आप पुरुष हैं और इस करवा चौथ पर अपनी पत्नी को देने के लिए कोई खास तोहफा ढूंढ रहे हैं तो उन्हें अच्छी सी साड़ी तोहफे में देना एक विकल्प हो सकता है. इसके लिए हम राजवाड़ा के कोठारी मार्केट में पहुंचे जहां साड़ियों की अनगिनत दुकाने हैं और जाना की महिलाएं कौन सी साड़ियां अत्यधिक पसंद कर रही हैं.
बाजार में करवा चौथ के लिए राजपूताना पोशाक की सबसे ज्यादा मांग है. इसमें दूल्हा-दुल्हन का प्रिंट, नक्काशी और हैंड वर्क ज्यादा देखने को मिलता है. राजपूताना पोशाक ढाई हजार से पांच हजार में आपको आसानी से मिल जाएगी. इसके अलावा काठियावाड़ी साड़ी भी काफी मांग में है जो आपको 2 हजार तक में मिल जाएगी. वहीं डोला सिल्क महिलाओं के बीच काफी प्रचलित है यह न केवल दिखने में सुंदर होती है बल्कि यह आपको भीड़ से अलग दिखती है. डोला सिल्क की साड़ी डेढ़ से तीन हजार में आसानी से मिल जाएगी.
वहीं अगर आपका बजट कम है तो आप क्रैप क्लॉथ पर हैंड वर्क से बनी साड़ी को विकल्प के रूप में देख सकते हैं यह भी 2 हजार में मिल जाएगी. अगर आप अपनी पत्नी को सबसे अच्छी साड़ी गिफ्ट करना चाहते हैं तो घूमर घेर पोशाक भी खरीद सकते हैं यह साड़ी थोड़ी हैवी होती है इसकी कीमत दो हज़ार से 5 हजार के बीच होती है.
क्यों बनाया जाता है करवा चौथ
इस व्रत का सबसे प्रमुख उद्देश्य पति की लंबी उम्र, अच्छा स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करना है. महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रमा के दर्शन होने तक निर्जला (बिना अन्न और जल) व्रत रखती हैं, जो उनके त्याग और समर्पण की भावना को दर्शाता है. माना जाता है कि इस व्रत को विधि-विधान से करने पर अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही वैवाहिक रिश्ते को मजबूती भी इसका उद्देश्य है. इस दिन चंद्र देव, शिव-पार्वती और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है.
7 वर्षों से पत्रकारिता में अग्रसर. इलाहबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स इन जर्नालिस्म की पढ़ाई. अमर उजाला, दैनिक जागरण और सहारा समय संस्थान में बतौर रिपोर्टर, उपसंपादक औऱ ब्यूरो चीफ दायित्व का अनुभव. खेल, कला-साह…और पढ़ें
7 वर्षों से पत्रकारिता में अग्रसर. इलाहबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स इन जर्नालिस्म की पढ़ाई. अमर उजाला, दैनिक जागरण और सहारा समय संस्थान में बतौर रिपोर्टर, उपसंपादक औऱ ब्यूरो चीफ दायित्व का अनुभव. खेल, कला-साह… और पढ़ें