थांदला के एमजी रोड पर स्थित अंबेडकर भवन इन दिनों बदहाली का शिकार है। यह भवन शराबियों का अड्डा बन गया है और परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। नगर परिषद द्वारा यहां एक रैन बसेरा भी संचालित किया जाता है, लेकिन भवन की जर्जर हालत और अव्यवस्था चिंता का
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भवन का पूरा परिसर गंदगी से अटा पड़ा है, और कमरों में कबाड़ भरा हुआ है। परिसर में स्थापित बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा भी खंडित हो चुकी है, जिस पर जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान नहीं गया है। मुख्य मार्ग पर होने के कारण लोग खुले परिसर को मूत्रालय के रूप में इस्तेमाल करते हैं, जिससे बदबू और गंदगी बढ़ गई है।
अंबेडकर भवन में भरा कबाड़।
यह भवन मूल रूप से सामाजिक कार्यों के लिए बनाया गया था। शुरुआत में कुछ आयोजन हुए, लेकिन बाद में इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। परिसर में उगी झाड़ियां और हॉल के अंदर की गंदगी इतनी अधिक है कि यहां खड़ा होना भी मुश्किल हो जाता है।
परिषद में कई बार उठाया मुद्दा
पार्षद राजू धानक ने बताया कि उन्होंने परिषद में कई बार इस मुद्दे को उठाया है, लेकिन कोई ठोस पहल नहीं हुई। हाल ही में, थांदला दौरे पर आए नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को एक पत्र सौंपकर यहां आदिवासी समाज के लिए धर्मशाला और बाबा साहेब की आदमकद प्रतिमा लगाने की मांग की गई है।

शराबी रात के समय करते हैं नशा।
ध्यान नहीं दे रही परिषद
स्थानीय निवासी विजयसिंह नरवलिया ने बताया कि यह भवन कई सालों से जर्जर है। एमजी रोड जैसे मुख्य मार्ग पर होने के बावजूद नगर परिषद इस पर ध्यान नहीं दे रही है। साल में केवल 15 अगस्त और 26 जनवरी पर ही साफ-सफाई और रोशनी की व्यवस्था की जाती है, जिसके बाद स्थिति फिर वैसी ही हो जाती है।
स्वीकृति के लिए भेजा प्रस्ताव
प्रभारी सीएमओ कमलेश जायसवाल ने बताया कि दो मंजिला भवन के निर्माण के लिए 1 करोड़ 5 लाख रुपए का प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसे तकनीकी स्वीकृति के लिए भेजा गया है। तकनीकी स्वीकृति मिलते ही कार्य के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे।