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India vs West Indies: ब्रायन लारा दिल्ली टेस्ट के दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद वेस्टइंडीज के ड्रेसिंग रूम में पहुंचे. उन्होंने कप्तान रोस्टन चेज, कोच और टीम के प्लेयर्स ने बात की. इस दौरान उन्होंने प्लेयर्स से रोस्टन चेज से पूछा कि क्या सच में उनके दिल में क्रिके के लिए प्यार है.
नई दिल्ली. महान बल्लेबाज ब्रायन लारा के चेहरे पर भारत द्वारा वेस्टइंडीज पर शिकंजा कसने के बाद निराशा साफ देखी जा सकती थी लेकिन उन्होंने दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद मेहमान टीम के ड्रेसिंग रूम का दौरा कर कोच और कप्तान से बातचीत की. 56 वर्षीय लारा ‘मिशन इंडिया’ अभियान के तहत विवियन रिचर्ड्स के साथ यहां हैं. वह आर्थिक तंगी से जूझ रहे क्रिकेट वेस्टइंडीज को कुछ अतिरिक्त धनराशि दिलाने में मदद करने की कोशिश कर रहे हैं जिससे उन्हें इस टीम के लंबे प्रारूप के खेल के जर्जर ढांचे को पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी.
इस घटनाक्रम से जुड़े एक सूत्र ने ‘पीटीआई’ को बताया, ‘‘ब्रायन लारा दिन का खेल खत्म होने के बाद वेस्टइंडीज के ड्रेसिंग रूम में जरूर गए. उन्होंने खिलाड़ियों को कोई सामान्य संबोधन नहीं दिया, बल्कि कोच डैरेन सैमी, कप्तान रोस्टन चेज और कुछ खिलाड़ियों से अलग-अलग बात की.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ वह वहां लगभग 20 मिनट तक थे. यह चर्चा मुख्यतः वेस्टइंडीज क्रिकेट की स्थिति और आगे के रास्ते के बारे में थी.’’ लारा ने इससे पहले एक पुरस्कार समारोह में वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों के टेस्ट क्रिकेट को खेलने के जज्बे पर सवाल उठाते हुए कहा कि समस्याओं के बावजूद भी वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों के दिल में अगर जुनून होता तो वे टेस्ट क्रिकेट में अपनी जगह बनाने का ‘कोई न कोई रास्ता’ निकाल ही लेते.
‘क्या आपके दिल में क्रिकेट है?’
लारा ने कहा, ‘‘मैं रोस्टन चेस और अन्य खिलाड़ियों से पूछना चाहूंगा कि वे बताएं कि क्या उनके दिल में क्रिकेट है? क्या वे सचमुच वेस्टइंडीज के लिए खेलना चाहते हैं? और यही सबसे महत्वपूर्ण बात है क्योंकि अगर ऐसा है तो आपको कोई न कोई रास्ता मिल ही जाएगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे पास भी 30-40 साल पहले बेहतर सुविधाएं नहीं थीं. विव रिचर्ड्स ने किसी बेहतर अभ्यास पिच पर बल्लेबाजी नहीं की थी. हमें भी वही काम करना पड़ता था, वही मेहनत करनी पड़ती थी, लेकिन जज्बा अलग था. वेस्टइंडीज के लिए खेलने का जुनून काफी अधिक था.’’ टेस्ट क्रिकेट रिकॉर्ड 400 रन की पारी खेलने वाले इस पूर्व दिग्गज ने कहा, ‘‘ मैं युवा खिलाड़ियों से आग्रह करता हूं कि वे यह समझें कि यह एक शानदार अवसर है.’’
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें